वतन ए हिन्द को हम प्यार करते है देनी पड़ी जान तो जान निसार करते है छुड़ा देते है छक्के भी दुश्मनों के गोलियों की हम  बौछार करते हैं बुलंद हौसले वाले डरते नहीं है हम तूफानों को भी साहस से पार करते है जाति धर्म का हम भेद नही […]

जोश इतना इतनी  जवानी  मिली है शौर्य के उनके हमको कहानी मिली है शत शत  हमारा  नमन वीरों  को है खून में उनके कितनी रवानी मिली है हँसते हँसते जो चढ़ गए सूली पर भी आजादी उन्ही की मेहरबानी मिली है डर ना किसी का ,रौंद डाले गद्दारों को जवानी  […]

हम  हर  लम्हा  तुम्हे  पुकारते रहे दहलीज पर खड़े राह निहारते रहे जीत जावोगे तुम हमको था यकीन तुम्हे जीताने हम अक्सर हारते रहे दर्द पलता रहा  तुम्हारी  जुदाई का हम अपनी  ही  खुशियां  मारते रहे लिखी है इबारत एक तेरी मोहब्बत की और हम तन्हा ही जीवन गुज़ारते रहे […]

वतन के दीवाने घर से निकल पड़े है धूल दुश्मन को चटाने चल पड़े है जोश कितना है देखो जवानी में उनकी वतन के खातिर वो मचल पड़े है हवा आग पानी चिंता तुफानो की नहीं है वो  हालात पर  ऐसे ढल पड़े है उन फौजी भाईयों को नमन है […]

जमाने से जुदा अंदाज रखता हूँ मुट्ठी में कल और आज रखता हूँ मेरी खुशियां बिक जाए गम नहीं नही किसी को नाराज  रखता हूँ जिंदगी काम आए वतन के लिए बुलंद खुद की आवाज रखता हूँ कफ़न मेरा,बन जाये मेरा तिरंगा तिरंगा ही मेरा मैं ताज रखता हूँ सरफ़रोशी […]

हम राज ऐ दिल छुपाते कैसे तुम न होते तो मुस्कुराते कैसे हमराही  तुम्हे  बनाकर  रखा  है रास्तों की मुश्किलें सुलझाते कैसे तुम ही समझते हो दिल की तड़प वरना बेचैन दिल को  मनाते  कैसे इक तुम्ही को मैंने आवाज दी है किसी को जज्बात समझाते कैसे थाम रखा है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।