उस पिक्षि कमंडल वाले के, चरणो में खो जाऊ / मेरा जी करता है, विद्यागुरु के नित दर्शन पाऊ/ देखी है दुनिया सारी, ये मतलब दीवानी / बिन मतलब रिश्ता ने जोड़े, ये कहते नई कहानी / किस किस को में अपनाउ, किस किस को ठुकराऊ / मेरा जी करता […]

गुरुपूर्णिमा  के पवन अवसर पर गुरु चरणों में समर्पित……………………. माता पिता ने पैदा किया, पर दिया गुरु ने ज्ञान / लाड प्यार दिया दादा दादी ने / पर गुरु ने दिया अच्छे बुरा का ज्ञान  / उठे हृदय में जब भी विकार / तब उन्हें गुरु ने कर दिया एक […]

दोस्तों वैसे तो कलियुग में संस्कार और श्रध्दा की बात करना बहुत ही अजीब सा लगता है न ? परन्तु कलयुग में भी लक्ष्मण और भरत जैसा भाई हो सकते है / यदि उन्हें परिवार के बड़े बूढ़ो ने सही परवरिश के साथ बच्चो में संस्कार और पढाई लिखे का […]

बालक को गृहदीपक या कुलदीपक बनाना हो तो उसकी इच्छानुसार चलने नहीं देना। दीपक अर्थात् प्रकाश करने वाला, किन्तु जलाने वाला नहीं। कुलदीपक अर्थात् कुल को प्रकाशित करने वाला, किन्तु कुल को जलाने वाला नहीं! इसलिए बालक में सुसंस्कार डालो। अमुक धर्म-क्रिया तो करनी ही चाहिए, ऐसी आज्ञा भी करो। धर्म की आज्ञाओं […]

पिछले वर्षों ,में  पुराने 500 व  1000  की करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं होने के बाद  नए 500 व् 2000 के करेंसी नोट के चलन से भ्रष्टाचार  ,नकली करेंसी रोकने आदि हेतु उपायों को चलन में लाया गया  था  किन्तु  इसमें कुछ व्यवहारिक परेशानी का सामना आम लोगो से लेकर खास लोगो  करना पड़ा था  […]

प्यार तुझ से करता हूँ / पर ज़माने से डरता हूँ / प्यार में कही मजहब न आ जाये / तभी तो प्यार का इजहार करने से डरता हूँ / पर कसम तेरी मैं प्यार बस तुझसे ही करता हूँ /१/ प्यार में न कोई छोटा, न बड़ा दिखता है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।