किशोरवय के पड़ाव पर पाँव रखती मासूम रजस्वला बेटियाँ मासिक धर्म के जैविक परिवर्तन से यकायक अकस्मात् सयानी हो जाती है,और शारीरिक बदलाव को सहज स्वीकार नहीं कर पाती हैं। मानसिक व शारीरिक संघर्ष की इन चुनौतियों में हर मां का ये दायित्व बनता है कि,बच्चियों से दोस्ताना व्यवहार कर […]

तेरा परिचय जानूगाँ अब’ दूर कहीं सम्बन्धों से। मैंने तुझको मुक्त कर दिया’ प्यार भरे अनुबंधों से। पूछ रही मेरी जिज्ञासा’ मधुमय मिलन कहाँ पर होगा। पूछ रही है प्रीत ये प्यासी’ निर्मल जलधि कहाँ पर होगा। हम प्रेम नगर का पता पूछते’ फिर सावन के अँधों से। मैंने तुझको […]

दया नहीं हमें चाहिए, नहीं चर्चा दलों में चाहिए। देश को दिव्यांग बनाने वालों से वैशाखी हमें नहीं चाहिए ll छप्पन का सीना हम भी रखते हैं, हाथ के बल भी चल सकते हैं। किसी सहारे की जरुरत हमें नहीं है निजबल से ही यात्रा कर सकते हैं॥ विकलांग वित्त […]

बाँधकर दिल को हमारे, मुक्त ऐसे कर दिया। भूल बैठे फर्क भी हम मुक्त हैं कि कैद हैं। हम कहें तो क्या कहें, जो-जो उन्होंने कह दिया। दर्द भी दिल के हमारे, सर्द हैं खामोश हैं। फासला सोचों का है, छाया है,दिल के दरमियां। कौन सच्चा,कौन झूठा, सरपरस्त यह वक्त […]

मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या की घटनाओं ने,अपनी 10 वर्षीया बेटी के साथ अकेली जीवन यापन कर रही उस विधवा को हिलाकर रख दिया था। वह अपनी मासूम बच्ची के भविष्य को लेकर परेशान हो उठी थी। उसने अपनी बेटी को सचेत करते हुए कहा-‘बेटी,अब से तुम स्कूल […]

कुछ दिन पूर्व ही पढ़ा था किसी अखबार के पन्ने पर कि-एक दंपत्ति की शादी के बाद लगातार तीन बेटियां हुई और इस बार पिता को डर लग रहा था कि कहीं फिर से उसको एक बेटी और न……. इसलिए पिता परीक्षण केन्द्र पहुंचा और पत्नी को डॉक्टर को दिखाता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।