तन-मन अपना न्योछावर कर, खड़े हो डटकर सीमा पर, मेरे प्यारे भैया तुम्हरी, हम लें बलैयाँ जी भर कर।। भेज रही हूँ पाती भैया, स्नेह प्यार से सींचकर, हो सके तो आना भैया, पावन रक्षाबंधन पर।। माँ बाबुल हैं राह देखते, तुम्हरे घर पर आने की, भावज के हाथों भी […]
काव्यभाषा
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