मातृ दिवस – माँ (गीत)

1 0
Read Time1 Minute, 26 Second

जन्म मरण कहे पीर,
ममता में बहे नीर।

माँ करुणा नस–नस में अविचल,
चिर चितवन दान मिला पल।
मंगल भाव भरे युग अंचल,
चित उपवन लहराये निर्मल।

माँ प्राण तृषित अधीर,
ममता में बहे नीर।।

सघन वेदना के पल–पल में,
मतलब के प्रतिकूल छल में।
तिमिर भरे अवगुंठन कल में,
मधुर आलोक–सी हलचल में।

देती वरदान भीर।
ममता में बहे नीर।।

स्वर्ण स्वप्न स्नेह सिक्त लघु तन,
प्राण करुण तरंग अंतर्मन।
नेह भरा हर श्वास दिव्य धन,
माँ, तुम प्रभु की हो नवल किरण।

प्राची में रश्मि धीर,
ममता में बहे नीर।।

शिथिल चेतना, तन जर्जर है,
प्राण त्याग पीर गंभीर है।
माँ मृत्यु उत्पीड़न ज़ंजीर है,
दु:ख में विचलित नैन नीर है।

रक्षा करो बहु पीर।
ममता में बहे नीर।।

सद्गुरु मेरे तुम रखवारे,
पंथ उजास करो मतवारे।
श्याम कृपा बरसे हर द्वारे,
माँ सम दूजा गुरु ही तारे।

संतप्त प्राण की पीर।
ममता में बहे नीर।।

#डाॅ. छगन लाल गर्ग ‘विज्ञ’
पता- आबूरोड, जिला – सिरोही
पिन कोड- 307510

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत

Sun May 28 , 2023
छायावाद की अब तक छाया सबने अच्छे से दोहराया। १. वाद भले हों अलग–अलग छाया का न अन्त, प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत। आँखों के सम्मुख है काया। छायावाद की….. २. दिनकर, महादेवी, जयशंकर एक हैं सूर्य निराला, प्रेमचंद ने कम ही दिन में कितना कुछ लिख डाला। पढ़ा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।