पाक तेरी नपाक करतुत पर देश कर रहा है धिक्कार बच कर रहना जाग ना जाये युवा शक्ति का संग्राम खून दिया जिनने देश की खातिर आपना छोड़ कर घर बार हमभी बदला लेगे तुमसे ईतना तेज महा विकराल ढुंढे नहीं मिलेगे कतरे ढूंढ लेना सारा पाक तमाम भूल गये […]

भोपाल से फरीदाबाद की यात्रा के दरमियान भारत बने भारत अभियान पर चर्चा के दौरान किसी सहयात्री ने कहा “यह तो सिर्फ नाम बदलने का अभियान है। सिर्फ नाम बदलने से क्या होगा? और नाम से क्या फर्क पड़ता है भारत हो या इंडिया? मेरे लिए यह दिल से मुस्कुराने […]

 विधाता ने क्या बनाया है , अपनों को ही अपने खेल से नचाया है / कितनी  विचित्र सी बात है लगाती है , मनुष्य को धोखा, मनुष्य नही देता है / बल्कि वो उम्मीदे, धोखा दे जाती है , जो वों दुसरो से हमेशा रखता है //  ये जिंदगी तमन्नाओ […]

खोज और शोध के बीच झुलती विचारक्रांति आज इस बात पर जा अटकी है कि क्या जो वर्तमान में लिखा जा रहा है वह धैर्यशील या कहें समाज के सभी वर्गों पर समान अनुपात में दृष्टि डालने वाला, सभी में वैचारिक खुराक का बीज बोने वाला समदर्शी साहित्य है? सवालों […]

बालक को गृहदीपक या कुलदीपक बनाना हो तो उसकी इच्छानुसार चलने नहीं देना। दीपक अर्थात् प्रकाश करने वाला, किन्तु जलाने वाला नहीं। कुलदीपक अर्थात् कुल को प्रकाशित करने वाला, किन्तु कुल को जलाने वाला नहीं! इसलिए बालक में सुसंस्कार डालो। अमुक धर्म-क्रिया तो करनी ही चाहिए, ऐसी आज्ञा भी करो। […]

गणतंत्रीय गरिमा के प्रभुत्व से आलौकिक, जन के तंत्र के साथ मजबूती से सामंजस्य बनाता भारत का संविधान और एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित शक्तिशाली राष्ट्र भारत सन् 1950 में जब भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू हुआ तब से ही संघर्ष की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।