मेरा चांद बहुत शर्मीला है ,   चांद रातों को भी दीदार नहीं होते । जो आ जाता तू एक बार आसमां में,     हर शब हम यूं बीमार नहीं होते ।।  तेरे इश्क की चांदनी में डूबे हैं,   अंधियारी रात के शिकार नहीं होते।  लुका छिपी तेरी […]

बूढ़े दरख़्त पहले से ज़्यादा हवादार हो गये इश्क़ में हम पहले से ज़्यादा वफ़ादार हो गये उनसे दिल की बात कहने का हुनर सीख लिया लब-ए-इज़हार पहले से ज़्यादा असरदार हो गये मालूँम चला मिटटी की दीवार से होते हैं रिश्ते बाख़ुदा हम पहले से ज़्यादा ज़िम्मेदार हो गये […]

रोता अंबर भी आज व्यथित हो धरती पर छाया सन्नाटा कैसा। जो थे अटल स्वयं एक रक्षक। सोते हैं आज धरती की गोदी में। होनहार थे जन्म से ही वो शिक्षा में भी उन्नत थे। सेवा की सदियों से देश की, परिवार के बंधन से विमुख थे। लड़े लड़ाई देश […]

काल के कपाल पर       नियति के भाल पर            लिखित शब्द मात्र है                      “अटल” ही “अटल” निःशब्द शब्द शब्द है      महाकवि को लब्ध है            काव्य जग […]

आज पुराने किस्सों को फिर नये सुरों में दोहराना है ये आज़ादी का कोरस है हम सबको मिल के गाना है अपने दिल की बात कह दूँ सबसे आज मुझे तिरंगा सबसे प्यारा सूरज तक इसे पहुँचाना  है हुई सुबह तो पंछी जागे मीठे गीत सुनाते हैं उन गीतों में […]

राजनीतिजीवन बनी,दिलसे साहित साज। कबीर जैसी साधना,जनता रोती आज।। अटल बिहारी आपका, करता जग सम्मान। मर्यादा संविधान की, कहते कवी मसान।। जयजयजयजय अटलबिहारी । राजनीति भी तुमसे  हारी।। पच्चीस दिस चौबिसा आई। अटल बिहारी जन्में भाई।। कृष्ण बिहारी पिता तुम्हारे। जो शिक्षक थे सबसे न्यारे।। कविता साहित्य खूब रचाये। दीन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।