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एक गांव में  एक किसान अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहता था। खेती करके अपना जीवन यापन करता था ।वो बहुत गरीब था,बहुत मेहनत करने के बाद भी वो अपने परिवार का ढंग से पालन-पोषण नहीं कर पाता था। ज्यादा धन न कमा पाने की वजह से वो […]

हाँ वो जनवरी 2 ही थी,जब वह मिताक्षरा से आखरी बार मिलने गया था। उसके मन में प्यार को लेकर तड़प-जलन-शिकवा-शिकायत सब कुछ था जिसे वो आज अपनी मीतू के सामने कह देना चाहता था। उसकी याददाश्त भी इतनी जबरदस्त कि,पिछले ७ सालों का हर लम्हा अंगुली पर गिना सके। […]

 वह सुंदर-सी गोरी आठवीं में पढ़ती थी। सांवली-सी,औसत कद था। जल्दी शादी हो गई गरमी की छुट्टी में। देखा पति हाईकोर्ट में बाबू हैं। मुझे पढ़ाई करनी है। मैट्रिक के बाद उसने एक स्कूल में पढ़ना शुरू कर दिया। उसे सरकारी नौकरी मिल गई और वह भी बाबू बन गई। […]

एक क्रूर राजा था। उसने राज्य में संगीत,कला और प्रेम करने पर प्रतिबंध लगा रखा था। उसके दरबार में एक युवा राजकवि था। सुंदर-सुंदर कविताएँ रचता था। राजकुमारी उसकी कविता,सादगी,सुंदरता व प्रतिभा पर मोहित थी। राजा को इसकी भनक लग गई। क्रोधित हो उसने राजकुमारी को महल में नजरबंद कर […]

मेरी खिड़की पर चिड़ियों ने एक घोंसला बना था। मैंने देखा उसमें से कुछ दिन से आवाज़ नहीं आ रही थी। मुझे लगा अब इसे हटा देना चाहिए। घोंसला ऊंचा था।मैंने टेबिल पर कुर्सी रखी और उस पर चढ़ने लगा। मेरे 75 साल के पिताजी जो आज भी शारीरिक रूप […]

छोटे-से धार्मिक विवाद में साम्प्रदायिक दंगा आग की तरह पूरे शहर में फैल गया। मारपीट,लूटपाट,गाली-गलौच,चीख-पुकार,पत्थरबाजी,खूनखराबे से शांत गलियाँ हाहाकार करने लगी। भीड़भाड़ की करुण पुकार और बेरहमियों के अत्याचार की गूँज काॅलेज से घर-घर लौटती हुई लड़कियों ने सुनी,यह विकराल दृश्य देखकर वे डर से काँपने लगी। चार आतताईयों के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।