.             ………. कटु वचनों से हो चुके, बहुत बार नुकसान। कौरव पाण्डव युद्ध से,खूब हुआ अवसान।। रसना नाहीं  बावरी, कहती  मन  के  भाव। मन को वश में राखिए,उत्तम रखो स्वभाव।। मिष्ठ वचन  मिष्ठान्न से, जैसे भगवन भोग। मधुर गीत संगीत से, भोर भजन  संयोग।। कटु वचनी आरोप से, हुआ न  […]

न जाने कितने गये,आएँगे फिर से नए, इंसान बस  मनाता, कब  से  सु वर्ष है। रीत प्रीत और गीत,शासन व सत्ता नीति, मानवीय  हित  साध,  अब  से  सहर्ष  है। आन बान मय शान, देश भक्ति अरमान, मानवता  का सम्मान, जन से  उत्कर्ष है। विकास के भरम में,विज्ञान के चरम में, […]

झुकी पलके निहारें ये, रुपैये को प्रदाता को। जुबानें बन्द दोनो की, करें यों याद माता को। अनाथों ने,भिखारी नें, तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, दया आती नहीं देखो, निठुर देवों विधाता को। बना लाचार जीवन को, अकेला छोड़ कर इनको। गये माँ बाप जाने क्यों, गरीबी खा गई जिनको। सुने […]

.                    १ लगि चैत माह मने नया सन, सम्वती मय हर्ष है। फसले पकें खलिहान हो, तब ही सखे नव वर्ष है। परिणाम की,जब आस मे बटु, धारता उतकर्ष है। मम कामना मन भावना यह, पर्व हो प्रतिवर्ष है। .                   २ नव वर्ष हो शुभ आपको यह, कामना  मन में […]

.            ●◆● जहाँ वतन हो प्राण से प्यारा, ● कफन तिरंगा चाहत है। जगत गुरू की पदवी वाला, ● स्वर्ण पखेरू भारत है। ज्ञान धर्म संदेश अहिंसा, ● दूर देश तक जाता है। सुन्दर पावन धरा भारती, ● वीर सपूती माता है। आओ साथी वंदन करलें, ● भारत की इस […]

.             …… वरुण देव  कृपा करे, जल भंडार  भरें। जल से सब जीव बने, जल अंबार करें। दोहन मनुज ने किया, रहा जल बीत है। बिन अंबु  कैसे निभे, जीव जग रीत है। जल ने आबाद किया,सत्य सुने कथनी। जीवन  विधाता बंधु , रीति रही अपनी। पानी  बर्बाद  किये, भावि  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।