क्या लिखूं क्या न लिखूं लिखा कुछ जाता नही आज के बदतर हालात पर कहा कुछ जाता नही रिश्ते नाते सगे सम्बन्ध सिर्फ दिखावे को रह गए खोजने चलो उनमे अपनत्व कुछ भी हाथ आता नही राजनीति ने ले लिया अब सच से ही पूरा सन्यास जिस राजा पर किया […]
काव्यभाषा
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