क्या लिखूं क्या न लिखूं लिखा कुछ जाता नही आज के बदतर हालात पर कहा कुछ जाता नही रिश्ते नाते सगे सम्बन्ध सिर्फ दिखावे को रह गए खोजने चलो उनमे अपनत्व कुछ भी हाथ आता नही राजनीति ने ले लिया अब सच से ही पूरा सन्यास जिस राजा पर किया […]

शब्द समुच्चय मात्र नहीं है संकल्प है एक जो दुहराता है अपनी प्रतिबद्धता को जिसने की है कोशिश चीरने की निसीथ अंधकार को स्व अस्तित्व की लौ से.. वह तुम्हें सीमाओं में बांध रहा था रखा वरदहस्त उसने सतीत्व के रक्षार्थ किया अलंकृत विभिन्न उपमाओं से हाथ बढ़े और बढ़े […]

वो खरीद लेता था सबके आँसू बेधड़क वो इस ज़माने के लिए अभी समझदार न था कुछ तो कमी थी जो तू किसी की न हो सकी तेरा हुश्न कातिल तो था पर ईमानदार न था जनता कैसे रुके सियासती महफिलों में “साहेब” के भाषण में सब था , फिर […]

हवा  भोर  की भर लो सांसों में नव-ताजगी  से तुम भर लो तन  को भी. दिन चढ़े, तीक्ष्ण -धूप सहना   पड़ जाता   है जीवन के आपाधापी में जलना   पड़ जाता   है. उमस से लथपथ  है  समय  अब तो, हो जाती बारिश कभी असमय अब तो. राह जीवन के गंदले हो […]

उदास रात के साये बड़े घने है / तेरी चाहत के उजाले बहुत जरूरी है / चाँद लम्हो की मुलाकाते महकती मुझमे / जिसके आगोश में सांसो का सिलसिला कायम है / महकी महकी सी फिजाओ में तेरी खुशबू है / दूरियां जैसे सीमटसी हो इन हवाओ में / कितने […]

अमृतसर ट्रेन हादसा…………  धू ..धू ..धू..धू जलता रावण, पटरी पर खड़े लोग, एक सौ बीस की रफ्तार से गुजरी ट्रेन, लाशें ही लाशें, चीखें ही चीखें, वो भयानक मंजर, आखिर जिम्मेदार कौन ? ह्रदय विदारक घटना में बच्चे,बूढ़े,जवान की चली गई जान थे जो काल से अनजान ।। हे । […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।