प्रेम क्या है, मरज है या है ये दवा जलता दीपक है ये या है चलती हवा प्रेम पाषाण है फिर ये खुश्बू है क्यूं गर ये वाचाल है मौन में क्यों झरा प्रेम मिल जाये तो ये है मारक दवा न मिले तो मरज है […]
लड़ रहे है राजनीति के जादूगर कुत्ते बिल्ली की तरह, अपनी झूठी-झूठी बातो से,ये फिर से लोगो का मन हरे। भोली भाली जनता हर बार ही इनकी बातो में आ जाती। इन्हें जिताकर खुशी – खुशी फिर इनके जूते खाते।। कोई ग़ांधी-ग़ांधी करता,कोई मोदी के नाम को रोता है। बार […]
देश में जब – जब संकट की घड़ी आती है तब – तब ऊंचे महलों में शादियों की शहनाईयां गूंजती है … इधर महंगाई से जन – जन में मचा हाहाकार उधर दूल्हा – दुल्हन खरीदे करोड़ों के हार इक शादी के कई किस्से हर किस्से की वैराइटी करोड़ों […]
जब भी बात की तो तेरी ही बात की बस यूँ हमने बसर दिन और रात की पहले चिंगारी,फिर शोला और फिर आफ़ताब उनके हुश्न की तारीफ की यूँ शुरुआत की ख़्वाबों की गुमशुदा गलियों में भटके उम्र भर तब जाके उनके नूरे-नज़र से मुलाक़ात की न देखें उन्हें तो […]
कितना बड़ा दिल है उस झोपड़ी का सब सह जाती है जैसी ऊपर वाले की मर्जी कहकर आज तक हर किसी ने ऊपर वाले का डर दिखा – दिखाकर ही तो बहकाया है, बेवकूफ बनाया है झोपड़ी को और झोपड़ी भी सब सह जाती है अपने शोषण के विरोध में […]
मेरी अर्धांगिनी के जन्मदिवस पर :- विकल हुआ जब हृदय मेरा तुम्हें पुकारा अंतर्मन से जल तेरे नयनों से माँगा नभ के श्यामल बादलों ने तेरा सौंदर्य चुराया झील के सब शतदलों ने ध्वनित हो रहा नाम तेरा विस्तृत वसुधा के कण-कण से विकल हुआ जब हृदय मेरा तुम्हें पुकारा […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।