डेहरी- कुक्षी (धार )। संस्कृति की धरोहर मातृभाषा सर्वज्ञ है, वेदमाता के प्रांगण में हिंदी का महायज्ञ है।उक्त उदगार वेदमाता गायत्री तथा श्री राम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर स्थानीय गांधी चौक में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में ओज के प्रसिद्ध कवि मुकेश मोलवा ने कहें। अपने चिर […]

इंदौर । हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कार्यरत संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ की अनुशंसा पर महाराष्ट्र के प्रदेश प्रभारी रामेश्वर टेलर ने औरंगाबाद जिला अध्यक्ष के रूप में वेजापुर निवासी प्रो. आबसाहेब आर.कसबे को नियुक्त किया है। प्रो. कसबे कई वर्षो […]

कवियों ने हास्य-व्यंग्य, गजल, गीतों के साथ देशभक्ति की रचनाओं से श्रोताओं को लुभाया शानदार रहा गुणाधीश का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन गोंदिया। गोंदिया नगर में कवि सम्मेलनों का अपनी एक ऐतिहासिक परंपरा रही है, जो सतत चली आ रही है। और देश के प्रतिष्ठित महान कवियों की रचनाओं से […]

*हिंदी साहित्याचे वैचारिक महाकुंभ बनले मातृभाषा डाँट काँम* वैजापुर( डॉ. हरिश साबने)-हिंदी भाषा ही आपली राष्ट्रभाषा आहे, हिंदी भाषेच्या प्रचार प्रसारासाठी शासन वेगवेगळ्या प्रकारे प्रयत्न करत आहे सरकार बरोबरच विविध सेवाभावी संस्था, व्यक्ती,समुदाय यांचा देखील त्यात मोलाचा वाटा ठरत आहे त्यातच मध्यप्रदेश येथील युवा साहित्यिक व पत्रकार डॉ. अर्पण जैन […]

संवाददाता के अनुसार साहित्य संगम संस्थान के गीतशाला पटल पर संयोजिका श्रीमती सरोज ठाकुर  ( बिलासपुर छत्तीस गढ़) नें लगातार ४८ घंटे का मातृ  दिवस पर भव्य ऑन लाईन  काव्य सम्मेलन का आयोजन रख संस्थान के आन लाईन कार्यक्रमों में इतिहास रच दिया ,जिसमें देश विदेश के बहुत से प्रसिद्ध […]

प्राप्त जानकारी के अनुसार पं रामजस त्रिपाठी, नारायण*अधीक्षक*दोहाशाला साहित्य संगम संस्थान ने बताये कि दोहाशाला साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा दिनांक 17/05/2019 नरसिंह भगवान के अवतार दिवस के उपलक्ष्य में  पटल पर सायं ८-९ बजे तक दोहा अंताक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की गई।जिसमे एक शब्द विषय पर 6 मिनट का समय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।