स्वतंत्रता भली लगती है, जब उन्मुक्त स्वयं को पाएं पर हम बंधनहीन नहीं हैं, समय के समीचीन नहीं हैं भले ही पराधीन नहीं हैं, फिर भी हम स्वाधीन नहीं हैं। दफ्तर में अधिकारी का दबका, सच सदा ही लगता कड़वा सच पर हर पल झूठ का पहरा, देश पर […]

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  निशदिन अब हो रही बरखा की फुहार, पवन  में भी  महक है सोंधी- सोंधी-सी… मीत रिझाने गीत गाते पक्षी गगन में, ये प्रकृति भी करे  है  नित  नए श्रृंगार। पर  मेरे  हिय में क्यों सूनापन- सा आज? सावन के  इस  रिमझिम  से  मौसम  में, हँसते  मुस्काते  सुंदर  से  सब […]

वो लम्हें बीते हए क्यों मुझे याद आए, कुछ सुहानी हसीन यादें मन को महकाए l वो ख्वाब सतरंगी जो देखते थे हम कभी, उन यादों संग आज हम फिर गुनगुनाए l  वो लम्हें बीते हुए क्यों मुझे…ll  वो बारिसों का पानी और कितनी ही मस्तियाँ, सखियों संग मिल के […]

मेरे देश के नौजवानों,शक्ति के दीवानों.. क्यों देश में हिंसा फैली है  क्यों काली हुई दिवाली है, कहाँ गई खुशहाली है.. हम हर इंसान से पूछते हैं, वह पहला हिन्दुस्तान ढूँढते हैं।   लाचारी न थी कहीं,बीमारी न थी कहीं,  खुशियों के डेरे थे,बहारों के फेरे थे.. कौन यहाँ पर […]

शब्द-शब्द में, चंद सांसें छिपा रखी हूँl  सजल आँखों के गीले कोर पे बस तुम्हें छुपा बैठी हूँl    दिल की बंद सीपियों में यादों की गठरी से,  निकाल एक-एक मोती रोज़ गूँथती हूँ जी रही हूँ बस कि,  सांसें अकेली ना पड़ जाएl    इश्क के रंग से रंजित  […]

किसी के दुःख को न समझ पाना भी तो,बहुत बड़ा पाप है, किसी को तनावग्रस्त करना भी, बहुत बड़ा अभिशाप है। कितना दर्द है इसमें मुराद ही जो, पूरी नहीं होती , ख़ून के आँसू पीने से बड़ा,और कौन – सा विलाप है। तप्त आँसूओं की गरमी में तो, दर्द […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।