मैं सब जानता   हूँ  तुम्हारी बदमाशियाँ तुम्हारे हुश्न की कहर ढाती अठखेलियाँ ज़ुल्फ़  है  कि  गहरा सा कोई तिलिस्म या  हैं  किसी  जादूगरनी  की पहेलियाँ मेरी कहाँ सुनती ही  हैं अब ये फ़िज़ाएं हवा,बादल,चाँद सब तुम्हारी सहेलियाँ मैं   दीवाना  न हो  जाऊँ तो क्या करूँ श्रृंगार तेरा  ऐसा   कि हो […]

कहते हो यार तुम कि नया साल आ गया, कहते हो मुबारक हो नया साल आ गया। हम हो रहे हैं बूढ़े,कदम बढ़ रहे आगे, दीवार से निकली हुई ईंटों से यूं झांके दीवार से जो ईंट निकले,ईंट कम होगी, परिवार से निकला तो सबकी आंख नम होगी… ये शब्द […]

तुम पुष्प से सुकुमार हो,तलवार की भी धार हो। तुम ही भविष्य हो देश का,मझधार में पतवार हो॥ माँ भारती को मान दो,और बड़ों  को सम्मान दो। जो दुष्टता करते यहाँ,उन दुष्टों को अपमान दो॥ कर्तव्य पथ पर बढ़ चलो,और जीत सिर पर मढ़ चलो। जो सतजनों को सताता हो,दुष्टों […]

हर बात पर यूँ आँसू बहाया नहीं जाता, हर बात सबको दिल का बताई नहीं जाती। सब घूमते हैं आज साथ में लिए नमक, हर जख्म दिल का सबको दिखाया नहीं जाता। हो दर्द सही इश्क का ईनाम तो आता, खाली ही सही हाथ में वो जाम तो आता। अब […]

  हमको हमारे दुख का ये एहसास न होता, साँसों की महक तेरी मेरे सांस में होती। बनता नहीं शायर न यू मैं करता शायरी, बिछुड़ा जो मेरा तुम-सा कोई खास न होता।   आँखों में आँसू बनके दर्द बहते ही गए, पूछा जो किसी ने तो ये कहते ही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।