इतनी मस्जिदें इतने भगवान क्यूं हैं जीवन से लोग इतने परेशान क्यूं हैं। सभी कहते है प्रेम से बडके कुछ नही तो फिर बाईबल,गीता,कुरान क्यूं हैं। …. ईमान का चल रहा व्यापार यहां पर बिके हुये है हरेक अखबार यहां पर। जो बातें करते है सच और उसुलों की उनके […]

काम काम में व्यस्त रहे मेरे पापाजी। घर की चिंता ज्यादा करते मेरे पापाजी। सबकी खुशीयाँ पूरी करते मेरे पापाजी। इसलिए कहलाते घर की जान वो ।। कितना कुछ त्याग किया अपने जीवन में। छोटी छोटी खुशियां छोड़ी बच्चो की खातिर। फिर भी बच्चे खुश न होते अपने पापा से […]

जब भी पढ़ता हूँ अखबार  और देखता हूँ दूरदर्शन। मन बहुत उदास सा हो उठता है। अब क्या ये सब ही रह गया है, पढ़ने और देखने को। आज यहां बलात्कार वहां पर हिंसा और अत्याचार, और मंत्रीजी की हो रही वहां पर जय जय कार । कितना कुछ बदल […]

मोहब्बत हम भी करते है। मोहब्बत वो भी करते है। पर शायद वो जमाने से । कही ज्यादा ही डरते है। मोहब्बत ही तो की है, कोई चोरी नही की है। फिर क्यो मोहब्बत के, दुश्मनों से तुम्हे डरना।। इरादा यदि नेक हो तो। मंजिले मिलती रहती है। मोहब्बत साफ […]

अपने मतलब की है,सबके हित की सरकार नही मुर्दो मे गिने जावोगे अगर भरी तुमने हुंकार नही। हालात को देख समझ के दुनियादारी सीख लो मांगने से भीख ही मिलती है,हक अधिकार नही। अपनी लडाई खुद लडनी है इतना तुम जान लो मदद को तुम्हारे आयेगा अब कोई अवतार नही। […]

मोहब्बत कैसे हो गई, हमें पता ही नही चला। आंखों का आंखों से मिलना, ही इसका कारण है। क्योंकि दिलों की बात दिलवाले ही जानते है। प्यार को प्यार करने वाले ही पहचानते है। इसलिए आंखों ही आंखों में मोहब्बत हो जाती है। दो जवां दिलो की धड़कनों को दूर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।