पैसे की सोच ने इंसान को क्या बना दिया। इंसानी सोच को एक दम भूला दिया। पैसा उसका माई बाप हो गया। और खुद के माई बाप पराये हो गये।। सच तो ये है की रिश्तों का  दमन हो रहा। चारो तरफ पैसे का जय जय कार हो रहा।  जो […]

हनन और दमन तुम दूसरों का कर रहे हो। उसकी आग में अपने भी जल रहे है। कब तक तुम दुसरो को रुलाओगे । एक दिन इस आग में खुद भी जल जाओगे। और अपने किये पर बहुत पषताओगें। पर उस समय कुछ नही कर पाओगे।। कहते है उसके के […]

आंखों ने देखा तुम्हें और मन व्याकुल हुआ। अंदर ही अंदर प्यार हमारा उमड़ पड़ा। और दिल मेरा तुम्हें चहाने लगा। अब तुम ही बताओ भला, इसमें आंखों का क्या दोष है ? प्यार मोहब्बत को पढ़ ना आसान नहीं। मोहब्बत की परिभाषा समझना बच्चों का खेल नहीं। इस राह […]

घिरकर आयेगी जब याद मेरी बादलो की तरह तुम भी हरकत करने लगोगी पागलों की तरह।। तुम्हें भी भिगो देगा एहसासों का ये सावन जब तमन्नाएं उग आयेगी जेंहन मे फ़सलों की तरह।। मेरी तरह तुमको भी इश्क चैन से जीने ना देगा‌ तन्हा-तन्हा रहोगी तुम खुद मे महलों की […]

कितना सब कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में। इसमें खुलकर हो रहा हर चीज का व्यापार । जहां देखो वही पाओगें विज्ञापन और दामो की सूची। जिस पर दर्शाया गया है हर चीज का दाम । क्या मंदिर क्या मस्जिद और क्या गुरुद्वारा । कोई भी नहीं बच पाया इस […]

दुनीयाँ में यदि आये हो, तो जान भी पड़ेगा। अपने कर्मो का कर्ज यही, चुकाना भी पड़ेगा। इसलिये एक बात समझ लो तुम। जो बोआ है यहां पर, वो ही काटना पड़ेगा।। क्या लिया दिया सब का, हिसाब यही पर किया। कुछ तो बिना कुछ किये, यहां से चलने गए। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।