आत्मिक सुख आशीष दे,मन में भरे मिठास। त्यौहारों में अग्रणी,आश्विन-कार्तिक मास॥ जग-जननी माँ अम्बिके,लेकर रुप अनेक। भक्तों को देती अभय,मिटा पीर प्रत्येक॥ विजयादशमी पर्व में,बने जगत श्रीराम। सत्य-धर्म की जीत से,गूँजे चारों धाम॥ सुधा-सिन्धु सम चन्द्रमा,शरद ऋतु की रात। हर ले जीवन की व्यथा,सुने हृदय की बात॥ राज सुहाग अखंड […]

  चलाकर  दौर-ए-आतिश  बना नादान रहता है। कहाँ   इंसान   खोया   है   कहाँ  इंसान रहता है॥ इबादतगाह  देवालय  न  सज़दों में उसे  खोजो। हमारी रूह के अंदर छुपा भगवान  रहता  है॥ वही  रिश्ता जीएगा  उम्र जिसमें नेक नीयत हो। उजाला भी वहीं से है जहाँ ईमान रहता है॥ मुकम्मल ज़िंदगी के […]

गलत राह में जाने से रोकते हैं, हर बार सही राह दिखाते हैं l सही-गलत की बात बताते हैं, पिताजी हर वक्त साथ निभाते हैं ll कुछ वक्त प्यार मन में छुपाते हैं, कुछ वक्त उसे दर्शाया करते हैं l हर वक्त हमारे बारे में सोचते हैं, पिताजी हर वक्त….ll […]

अनुपम है चिर नूतन न्यारा। अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥ रुदन हासमय गंध लिए मन, दुर्गम पथ का कर अभिनन्दन। मखत्राता मृत्युंजय बनकर, कालवलय से लड़ता तनकर॥ कर विजित समर जीवन सारा। रणबाँकुरा सुकोमल प्यारा॥ अनुपम है चिर नूतन न्यारा। अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥ त्रयताप नहीं मन की थाती, […]

खुदा जो तेरा था वही खुदा तो मेरा था। फिर मेरे हिस्से में रात क्यों,तेरे तो सवेरा थाll   जश्ने-दिवाली मनाई गई तेरे घर में। तुझे क्या खबर,मेरे घर में अंधेरा थाll    रोक तो सकते थे,मगर खामोश रहे क्योंकि। जिन हाथों ने उठाए थे पत्थर, सुना था उसमें हाथ […]

  नामकरण पर ध्यान धर,करते  हिय से जाप। अनुयायी असहिष्णु  बन, करते नहीं प्रलाप। करते  नहीं  प्रलाप, गूढ़जन  यदि अज्ञानी। होता   कैसे   ज्ञात,  यही   हैं  असली दानी। दे  प्रश्रय  पाखंड,पड़े  हैं अधम- चरण पर। छले- वही  बहुरूप,फँसे जो नामकरण पर॥               […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।