सब हादसे दिन में मुक़म्मल होते नहीं कभी रात को देर तलक भी जागा करो सपने कैसे नेस्तोनाबूत होते हैं हर कदम कभी नंगे पाँव नींदों में भी भागा करो हर शय दूर से खूबसूरत दिखती है जरूर सच के वास्ते चाँद को ज़मीं पे भी उतारा करो दिन में […]

अगर तेरा नूरानी हुश्न चुरा सकता मैं इक और ताजमहल बना सकता मैं कुछ उलझी लटों को तुम्हारी सँवार के इस जमीन पे भी चाँद खिला सकता मैं जहाँ ठहर जाती पल भर को भी तुम जहाँ को खूबसूरत ज़माना दिखा सकता मैं कुछ नज़ाकत लेके तुम्हारे अदाओं की शान्त […]

उसे हँसना खिलखिलाना खूब आता है ऐसे या वैसे दर्द छिपाना खूब आता है चाँद सितारों को टाँक कर  ज़ुल्फ़ों में सिर  का ज़ख्म सजाना खूब आता है क्या है जो पल्लू में छिपाए चलती है तूफाँ को दिल में दबाना खूब आता है चेहरा जो भी चाहता है कहता […]

अगर तेरा नूरानी हुश्न चुरा सकता मैं इक और ताजमहल बना सकता मैं कुछ उलझी लटों को तुम्हारी सँवार के इस जमीन पे भी चाँद खिला सकता मैं जहाँ ठहर जाती पल भर को भी तुम जहाँ को खूबसूरत ज़माना दिखा सकता मैं कुछ नज़ाकत लेके तुम्हारे अदाओं की शान्त […]

न जाने फ़िज़ाओं में क्या हुआ होगा जब संदली हवाओं ने तुमको छुआ होगा आँखें लज़्ज़त,लब चाशनी,गाल गिलोई मिल कर तुमसे हरकत में हर रूआँ होगा जो देखे तुमको तुम में डूब जाया करे है शर्तिया ही इस बदन में कोई कुआँ होगा ऊँगलियाँ ठहर नहीं पाती उसकी तस्वीर पे […]

रात की रात से बात होती रही दिन शामियाने में बदन धोता रहा हो गया मुल्क सारा ख़ूनम-खून और सब नियम-कानून सोता रहा दूजे की पोशक में जिस्म लपेट के सरे-शाम अपना वजूद खोता रहा बच्चे भूखे से बिलबिलाकर मरते रहे और धर्म पर विचार-विमर्श होता रहा आज़ादी हर साल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।