तुझे जाना है तो फिर आना क्यूँ इस तरह से यूँ दिल लगाना क्यूँ न खुद जलील हो ना मुझे कर मेरे नाम से माँग सजाना क्यूँ ख्वाब नहीं ठहरते इन आँखों में मुझे अपने ख्यालों से जगाना क्यूँ तू खुदा से भी गद्दारी कर जाए तेरे लिए फिर हाथ […]
ये नज़ारे बदल जाएँगे,तुम कदम मिला के तो चलो राह में मुस्कराहटों की कलियाँ खिला के तो चलो कोई दर्द कोई शिकन ऐसा नहीं जिसकी दवा नहीं अपनी हथेली से मेरे ज़ख्मों को सहला के तो चलो मंज़िलें कदम दर कदम हासिल होती चली जाएगी निगाहों को काम-याबी का जाम […]
कुछ दिन भरम छोड़ कर भी देखिए अपना अहंकार तोड़ कर भी देखिए सब गलतियाँ दूसरों की नहीं होती हैं कभी गिरेबां झकझोड़ कर भी देखिए आपको आधा ही देखने की आदत है खुद को दूसरों से जोड़ कर भी देखिए आईना हमेशा सही चेहरा नहीं दिखाता हो सके तो […]
सच में रिश्ते तुम्हारे- मेरे कुछ गहरे थे या बुलबुलों की तरह पानी पर ठहरे थे शोर तो बहुत किया था मेरी हसरतों ने लेकिन शायद तुम्हारे अहसास बहरे थे कितनी कोशिश की मैं छाँव बन जाऊँ ख्वाहिशें तुम्हारे चिलचिलाते दोपहरें थे कब देखी तुमने हमारे प्यार का सूरज निगाहों […]
तुमने अभी हठधर्मिता देखी ही कहाँ है अंतर्मन को शून्य करने का व्याकरण मुझे भी आता है अल्पविराम,अर्धविराम,पूर्णविराम की राजनीति मैं भी जानती हूँ यूँ भावनाशून्य आँकलन के सिक्के अब और नहीं चलेंगे स्त्रियों का बाजारवाद अब समझदार हो चुका है खुदरे बाजार से लेकर शेयर मार्किट तक में इनको […]
कुछ देर में ये नज़ारा भी बदल जाएगा ये आसमाँ ये सितारा भी बदल जाएगा कितना मोड़ पाओगे दरिया का रास्ता किसी दिन किनारा भी बदल जाएगा दूसरों के भरोसे ही ज़िंदगी गुज़ार दी वक़्त बदलते सहारा भी बदल जाएगा झूठ की उम्र लम्बी नहीं हुआ करती ये ढोल ये […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।