नफरतों से मुंह तो मोड़ो मोहब्बतों का चलन तो कर लो छोड़ो ये सारे लड़ाई झगड़े अमन का तुम वतन तो कर लो कि भाई भाई गले लगालो कुछ ऐसा यारो जतन तो कर लो मिला ही क्या है वो लड़ने वालों खुशी से धरती गगन तो कर लो कि […]

शहीदों की कहानी याद है आँख में वो पानी याद है भूल पाएंगे नही कुर्बानियां जोश उनका जवानी याद है शहादत को सत सत नमन अब तलक निशानी याद है अमर हो गए,मर सकते नही की है हमपे मेहरबानी याद है आँसु को कोई रोक पाया नही शोक में है […]

पल दो पल साथ बिताने की बात करो गरीब की भूख मिटाने की बात करो अंधकार में कोई गुम न हो जाएं कहीं किसी को राह सच्ची दिखाने की बात करो अकड़ ये अहंकार भला किसलिए अदब से सर झुकाने की बात करो रक्त ये रंजिस अच्छी लगती नहीं यारो […]

इक तुम्ही पर हक जताते रहे हैं ख्यालो में लाकर मुस्कुराते रहे हैं बंद आँखों से भी नजर आते हो इस कदर दिल मे बसाते रहे हैं तुम हमे अपना मानों या न मानों हाले दिल तुम्ही से बताते रहे हैं मुक़म्मल हो गई है मेरी गजलें ख्वाबों में भी […]

कोई राज है जो छुपाते गए वो हमें देखकर मुस्काते गए हमने सोचा कि मिलाए नजर जाने क्यों वो नजरें चुराते गए जमाने से जुदा उनका अंदाज है हम आँखों मे उनको बसाते गए बात ही बात में रूठ जाती रही मान जाएं कहीं हम मनाते गए मेरे लब पर […]

तेरे मेरे रिश्ते की कहानी तो है चाहत की कुछ निशानी तो है मुझे भी इस कदर याद करना मुझपर रब की मेहरबानी तो है तुम्हारा दूर होकर भी करीब होना हँसी अपनी भी जिंदगानी तो है अदा शोख चंचल बिखरी लटें तू पहले सी अब भी सयानी तो है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।