खत प्यार का एक हमने उनको लिखा। पर पोस्ट उस को अब तक नहीं किया। अपने दिलके लब्जो को अपने तक सीमित रखा। बात दिल की अपनी उन तक पहुंचा न सका।। डर बहुत मुझको उनसे और अपनों से लगता था। कही बात का बतंगढ़ कुछ और बन न जाये। […]

ये भौजी तुम कितनी सुंदर और नोनी हो। और तुमसे ज्यादा सुंदर तुमरी बहानिया है। देखकर हमरे नैना हटताई नहिं हैं। और धक धक करात हमरो जो दिल है।। ये भौजी तुम कितनी सुंदर हो….।। जबाऊ से तुमरो व्याओ भाऊ है भैया से भौजी। तभाऊ से हमरो भी दिल तुमरी […]

फूलों की सुगंध से, सुगन्धित हो जीवन तुम्हारा। तारों की चमक से, झिल मिलाये जीवन तुम्हारा। उम्र हो सूरज जैसी, जिसे याद रखे जगत सारा। आप महफ़िल सजाएं ऐसी, कि हम आएं दुबारा।। जीवन में मौके आएं, इस तरह के हजारों बार। लोग कहते न थके, कि मुबारक हो मुबारक […]

वो मोहब्बत हमसे कुछ इस तरह निभा गये। अपने सारे दुख दर्द दिल में छुपाये रहे। और मिलते रहे हमसे हमेशा हँसते हुये। भनक ही नहीं लगने दी वो जीते रहे हमारे लिए।। माना कि हम मोहब्बत उनसे बेपनाह करते है। पर वो सारे जमाने से बेपनाह मोहब्बत करते है। […]

फिज़ा में ना जानें कैसा ये वाइरस आया है जो अदृश्य होकर भी अनगिनत से लोगों की जीवनलीलाओं को काल कवलित कर रहा है। टूट रही हूं चूड़ियां सिसक रही है जिंदगानी मचा हुआ सा है रुदन द्वारे -द्वारे बीत रही है हर रात काली रात के साए में । […]

जिंदगी को यदि सुरक्षित रखना है। तो दो हाथो की दूरी रखना पड़ेगा। कोरोना से बचाने के लिए। वैक्सीन वाला कवच लेना पड़ेगा।। हम सबको सुरक्षित रहना है। तो वैक्सीन को लगवाना होगा। और घर परिवार व समाज में। नया वातावरण बनाना है।। एक ही आधार हम सबको। जिंदगी को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।