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वह आनंदित मन से मोटर साइकिल चलाता हुआ जा रहा था कि ठीक आगे चल रही सिटी बस से धुंआ निकला और उसके चेहरे से टकराया, वह उत्तेजित होकर चिल्लाया, “ओये! ये गंदगी क्यों फैला रहे हो… निकम्मे कहीं के” लेकिन बस तो यह जा और वह जा। वह बेचैन […]

दस साल का रोहित अपने पड़ोस में सभी का और अपने घर में सभी का प्यारा था। आसपास के लोग और खुद उसके घर के लोग भी उससे बहुत प्यार करते थे।आस पड़ोस में सबसे अधिक प्यार तो रोहित को पड़ोस में रहने वाली आँटी वीना करती थी। वीना आँटी […]

वही डेढ़-दो बज रहे होंगे।कबाड़ी के दुकान में काम कर रहा दुखना मालिक से बोला-“मालिक खाए खातिर 50₹ दे देते।” मालिक-“खाना…..! होटल में खाएगा! घर से टिफीन लेकर क्यों नहीं आया?” दुखना-“मालिक, कनिया के बोखार लागल रहै खाना नै बनैलकै।” मालिक-बहाना छोड़, आ ई बता कि एक टाईम 50₹ का […]

पैंतालीस मिनट चला था इंटरव्यू दर्शना का। उसके पहले के सभी उम्मीदवार 10 मिनट में आ गये थे। एक उम्मीद बँधने लगी थी इस नौकरी की। चार महीने से समर बिस्तर पर है तीन महीने अस्पताल में रहने के बाद। फिजियोथेरेपिस्ट और नर्स भी जरूरी है। हर दो घंटे बाद […]

टोटी से पानी बह रहा है , उसके सामने बैठी एक महिला तसल्ली से स्वेटर बुन रही है । उसके सामने से एक आदमी निकला । महिला के दरवाजे पर बहते पानी को देखते हुए चला गया। लगभग एक घंटे बाद उधर से फिर निकला टोटी से फालतू पानी अब […]

जग्गु अचानक ठोकर खा कर गिरा था या खाली पेट चक्कर खा कर पता नहीं पर सब दौडकर उठाते तब तक उसकी साँसे पुरी हो चुकी थी। मैयत से आकर दो घड़ी को उसके पास बैठे सभी अपने-अपने काम पर निकल गये थे।  जिवल्या तो शायद कुछ  ठीक से समझ भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।