जगत गुरु कहे जाने वाले देश भारत के युवाओं के चहुँमुखी विकास में सबसे बड़ी बाधा है नशा । नशा शब्द सोचते ही दो प्रश्न उठते है – क्यो ? ओर कौन जिम्मेदार है? कुछ लोग इसके लिए व्यक्ति संगती को जिम्मेदार ठहराते है अपितु असल समस्या कुछ और है। […]

कितने लोग होंगे जो छोटे शहर से राजधानी के बीच ट्रेन से डेली – पैसेंजरी करते हैं ? रेलगाडियों में हॉकरी करने वालों की सटीक संख्या कितनी होगी ? आस – पास प्राइवेट नौकरी करने वाले उन लोगों का आंकड़ा क्या है , जो अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह […]

भारतीय विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) ने अंग्रेजी के अलावा, भारतीय भाषाओं में राष्ट्रीय विधि विद्यालयों में प्रवेश के लिए संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (संविप्र परीक्षा या क्लैट) आयोजित करने की व्यावहारिकता का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया है। भारतीय विधिज्ञ परिषद ने यह कदम दिल्ली उच्च […]

तेजी से बदलती दुनिया में जहां हर कुछ इतनी तेजी से बदल रहा है कि आम आदमी कल्पना भी नहीं कर सकता है । आज हम हर और बदलाव ही बदलाव बदलाव ही बदलाव बदलाव देख रहे हैं। चाहे पहनावा हो, रहन-सहन व खानपान,आचार -व्यवहार, संस्कृति ,तकनीक ,समाज, रिश्ते- नाते, […]

कोरोना काल में दुनिया वाकई काफी बदल गई . लॉक डाउन अब अन लॉक की ओर अग्रसर है , लेकिन इस दुनिया में एक दुनिया ऐसी भी है , जो लॉक डाउन और अनलॉक का कायदे से मतलब नहीं जानती . उसे बस इतना पता है कि लगातार बंदी से […]

भारतीय भाषा मंच, वैश्विक हिंदी सम्मेलन एवं नागरी लिपि परिषद की ओर से राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन भारतीय भाषा मंच, वैश्विक हिंदी सम्मेलन एवं नागरी लिपि परिषद की ओर से 26/06/2020 को राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट पर किया गया। इसका विषय था- मेरी लिपि मेरी शान, क्यों करूं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।