सांसों की सरगम, दिल की ये धड़कन, सुनाए मधुर गीत प्यारा। जाने कहां कब कैसे किधर ये, रुक जाए जीवन की धारा। सांसों की सरगम…….. आए हो जग में , तो कुछ कर के जाओ, ना गवाओ यूं जीवन सारा। एक बार ही मिलता है ये जीवन ना मिलेगा ये […]

देखी एक तस्वीर तो , याद आया मुझको मेरा बचपन। मन मचल उठा मेरा यूं ही, देखा जब मैंने बीता दर्पण। ना जागने की जल्दी थी , ना थी सोने की चिंता, अपनी मर्जी के मालिक थे , ना थी कोई फिकर ना कोई चिंता। वो प्यार से जगाना मां […]

कर लो सुध कुदरत की आज, की है हमने जिससे छेड़छाड़। करके छिद्र ओजोन परत में, क्यों रहे स्वार्थ के झंडे गाड़। अपनी धरा के सुरक्षा कवच को, हम सब मिलकर तोड़ रहे। बो कर कांटे राहों में अपनी, फूलों की बाट जोह रहे । अपने आराम कि खातिर हमने, […]

आधुनिक समाज की रीढ़ , यूं ही नहीं कहलाते ये अभियंता। तन ,मन ,लगन और मेहनत से, अपना धर्म निभाते हैं ये अभियंता। तन मन में समाया जिनके पागलपन, जनसेवा में गवाएं अपना सारा जीवन। इरादे हैं पक्के और दिल में जोश भरा, आशा के दीप जलाएं मन में ये […]

भारत माता के माथे बिंदी, बड़ी प्यारी लागे भाषा हिन्दी। मां की ममता सी प्यारी हिंदी, मधु सी मीठी लागे भाषा हिन्दी। सरस ,सरल और सहज है हिन्दी, सबके मन भावे भाषा हिन्दी। हर दिल की धड़कन भाषा हिन्दी, रग रग में बसी है भाषा हिन्दी। प्यार की भाषा, परिभाषा […]

भय निराशा कुंठा असफलता से, माना लड़ना आसान नहीं। पर मुश्किलों से डर कर , ‘आत्महत्या’ करना समाधान नहीं। किसी को जीवन दे ना सको, तो जीवन लेने का अधिकार नहीं। अपमान किया जो जीवन का, तो तुझसा कोई नादान नहीं। ईश्वर की नेमत से तुझको , ये जीवन एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।