रागिनी और सुमित की शादी की २५ वीं वर्षगाँठ थी । रागिनी के न चाहते हुए भी बच्चों ने सारी तैयारियाँ कर लीं । सभी के मन में सालगिरह को लेकर अलग ही उत्साह दिख रहा था । रागिनी की देवरानियों ने भी बहुत कुछ तैयारियाँ गुप्त रूप से कर […]

नव जीवन का हुआ पल्लवन स्वागत किया सब ने मिल किसी ने थाल बजाया तो किसी ने बजाई शहनाई की धुन ख़ुशियाँ फिर छाईं चहुँ ओर नाचे वन में मोर कोई हुआ भयभीत किसी के मन में जागी तुझ संग प्रीत अदिति रूसिया  वारासिवनी Post Views: 263

चलो आज शंख नाद करते हैं ऊँच नीच के भेद भाव मिटाते हैं चलो आज शंख नाद करते हैं दीवाली और ईद मिलकर मनाते हैं चलो आज शंख नाद करते हैं लड़के लड़की के भेद हम मिटाते हैं चलो आज शंख नाद करते हैं भ्रूण हत्या रोकने एक क़दम बढ़ाते […]

जब हम पूरी निष्ठा से काम करते हैं सुकून सा मिलता है दिल को अगर कोई कोर कसर रह जाए तो एक टीस सी उठती है दिल में प्रसन्नता तब होती है जब वह कार्य सराहा जाए लोगों के द्वारा निखार आ जाता है अपने आप मन में प्रफुल्लित हो […]

बनना है तो सूर्य की तरह तेजवान और प्रकाशवान बनों जिस तरह सूर्य कभी किसी में भेद भाव नहीं रखता चाहे अमीर हो या ग़रीब वो सब को प्रकाशित करता है सबके प्रति होता सूर्य का समान भाव सभी को ऊर्जा देता समान वो बस तुम भी बनों सूर्य की […]

रिचा पढ़ी लिखी थोड़ी नए ख़यालात की लड़की थी उसने दिल्ली से एम बी ए किया था । उसकी शादी छोटे शहर में हुई , जहाँ बहुएँ आज भी थोड़ा पर्दे में रहती हैं । रिचा के घर का माहौल भी थोड़ा पुरतनपंथी वाला था । रिचा जब शादी होकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।