माना कि हालात बेकाबू हो गए कई बार जब भी वक़्त नासाज हुआ हर बार भरोसा रखा मैंने  या ख़ुदा तेरे भरोसे को क्या हुआ कभी लगता है सँभल गया कभी यों ही बिगड़ गया वक़्त ऐसा  जैसे रेत का बुत मुठ्ठी से फिसल गया रोकना तो चाहा हमेशा पर लम्हा इतना अजीब है क्यों न समझ सका वो तड़प दिल की  साथ रहकर भी छोड़कर तुम जहां से गए थे  मैं आज भी वहीँ खड़ा हूँ यूँ तुम तो सम्हल गए होंगे मैं आज भी बिखरा पड़ा हूँ इस दिल में रहोगे ता-उम्र फिर क्यूँ डरते हो पाक है मोहब्बत मेरी यूँ नजरे चुरा के ना निकलो इंतिज़ार है तेरे इक इशारे का आगे खूबसूरत जहाँ पड़ा है तेरे बिना वर्ना दर्द का दरिया ‘राहत’ आँखों से बहता है   #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 653

हर बार ज़ख़्म सहा है हर बार  टूटा हूँ अब होगा नहीं ऐतबार अपनों से मैं रूठा हूँ हर बार धोका खाया है मैंने हर बार काँच सा फूटा हूँ दिया है दर्द किसी ने अपनों से बहुत पीछे छूटा हूँ फिर भी कहूँ नहीं करता इंतिज़ार अपनों का तो […]

रखता हूँ हर कदम ख़ुशी का ख़याल अपनी   डरता हूँ फिर ग़म लौट के न आ जाए अब भुला दी हैं रंज से वाबस्ता यादें यूँ आके ज़िंदगी में ज़हर न घोल जाएँ इक बार जो गयी तो फिर न आएगी यहाँ शौक महँगा है लबों पे हँसी रखने का […]

    यकीं का यूँ बारबां टूटना आबो-हवा ख़राब है मरसिम निभाता रहूँगा यही मिरा जवाब है मुनाफ़िक़ों की भीड़ में कुछ नया न मिलेगा ग़ैरतमन्दों में नाम गिना जाए यही ख़्वाब है दफ़्तरों की खाक छानी बाज़ारों में लुटा पिटा रिवायतों में फँसा ज़िंदगी का यही हिसाब है हार कर जुदा, जीत कर भी कोई तड़पता रहा नुमाइशी हाथों से फूट गया झूँठ का हबाब है धड़कता है दिल सोच के हँस लेता हूँ कई बार  तब्दील हो गया शहर मुर्दों में जीना अज़ाब है ये लहू, ये जख़्म, ये आह, फिर चीखो-मातम तू हुआ न मिरा पल भर इंसानियत सराब है  फ़िकरों की सहूलियत में आदमियत तबाह हुई  पता हुआ ‘राहत’ जहाँ का यही लुब्बे-लुबाब है   #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 567

शी इश्क़ किया तो फिर न रख इतना नाज़ुक दिल माशूक़ से मिलना नहीं आसां ये राहे मुस्तक़िल तैयार मुसीबत को न कर सकूंगा दिल मुंतकिल क़ुर्बान इस ग़म को तिरि ख़्वाहिश मिरि मंज़िल   मुक़द्दर यूँ सही महबूब तिरि उल्फ़त में बिस्मिल तसव्वुर में तिरा छूना हक़ीक़त में हुआ दाख़िल कोई हद नहीं बेसब्र दिल जो कभी था मुतहम्मिल गले जो लगे अब हिजाब कैसा हो रहा मैं ग़ाफ़िल   तिरे आने से हैं अरमान जवाँ हसरतें हुई कामिल हो रहा बेहाल सँभालो मुझे मिरे हमदम फ़ाज़िल नाशाद न देखूं तुझे कभी तिरे होने से है महफ़िल कैसे जा सकोगे दूर रखता हूँ यादों को मुत्तसिल   #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 569

कुछ ख़्वाब बुन लेना जीना आसान हो जायेगा दिल की सुनलेना मिज़ाज शादमान हो जायेगा मुद्दत लगती है दिलकश फ़साना बन जाने को हिम्मत रख वक़्त पे इश्क़ मेहरबान हो जायेगा टूटना और फिर बिखर जाना आदत है शीशे की हो मुस्तक़िल अंदाज़ ज़माना क़द्रदान हो जायेगा लर्ज़िश-ए-ख़याल में ज़र्द किस काम का है बशर जानें तो हुनर तिरा मुल्क़ निगहबान हो जायेगा मंज़िल-ए-इश्क़ में बाकीं हैं इम्तिहान और अभी ब-नामें मुहब्बत ‘राहत’ बेख़ौफ़ क़ुर्बान हो जायेगा डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 499

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।