यकीं का यूँ बारबां टूटना  

0 0
Read Time1 Minute, 2 Second

 

 rupesh jain

यकीं का यूँ बारबां टूटना आबो-वा ख़राब है

मरसिम निभाता रहूँगा यही मिरा वाब है

मुनाफ़िक़ों की भीड़ में कुछ नया न मिलेगा

ग़ैरतमन्दों में नाम गिना जाए यही ख़्वाब है

दफ़्तरों की खाक छानी बाज़ारों में लुटा पिटा

रिवायतों में फँसा ज़िंदगी का यही हिसाब है

हार कर जुदा, जीत कर भी कोई तड़पता रहा

नुमाइशी हाथों से फूट गया झूँठ का हबाब है

धड़कता है दिल सोच के हँस लेता हूँ कई बार 

तब्दील हो गया शहर मुर्दों में जीना अज़ाब है

ये लहू, ये जख़्म, ये आह, फिर चीखो-मातम

तू हुआ न मिरा पल भर इंसानियत राब है 

फ़िकरों की सहूलियत में आदमियत बाह हुई 

पता हुआ ‘राहत’ जहाँ का यही लुब्बे-लुबाब है

 

#डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बेटियाँ

Tue Sep 25 , 2018
ये है एक ऐसी दुनिया , जहाँ बुझाई जाती है बेटीयाँ , कमजोर समझी जाती है बेटीयाँ, सताई जाती है बेटीयाँ , रात अकेले नही चल सकती बेटीयाँ , और कहते है , भारत की शान है बेटीयाँ !! हर दिन एक रूह खोती है , हर दिन एक हँसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।