जाते जाते वो एक और अहसाँ कर गया। खुशनुमा जिंदगी को वो वीराँ कर गया। खुद को ढूंढने की कोशिश तो की मैने मगर, शख्स वो लेकिन,मुझे अनजाँ कर गया। इशक अपने की बातें ऐसे वो करता रहा कुछ न सुना,बस […]
कटी जो तुम बिन एक उमर थी। बीती जो तुम संग,वो थी जिंदगी। किया जो तूने,शायद इशक था , की जो मैनें,वो तो थी बंदगी। तूने जो की,वो थी दिल्लगी निभाई पर मैने,दिल की लगी। यकीन के बदले में मिली शर्मिदगी। कर गया तू साथ मेरे दरिंदगी। बेवफाओ की ,की […]
दिल के हाथों बहुत मजबूर हैं हम। न चाह कर भी ,तुमसे दूर हैं हम। आँख भर के जो उसने एक बार देखा बस,उसी मस्ती में चूर हैं हम। ढूंढ ही लोगे पल मे तुम हमको बदनाम होकर भी मशहूर हैं हम। लाख कोशिशो के बाद भी न भरे ऐसे […]
बहुत बार हुआ ऐसा कि तुम आकर भी आये ही नही। कितने गिले,कितने शिकवे,जो तुमने बतलाये ही नही। बहुत से उल्झे सवाल है हमारी जिंदगी मे यू तो, पर कभी हम दोनो ने ये सब सुलझाये ही नही। बहुत राज है हमारे सीने मे दफन अतीत के, पर उन पर […]
#ज़ख्म_है_तो_लाज़मी_है_दर्द_होना बेशक़ दिखते नहीँ.. #दर्दे जिग़र पे एहसासों की परत जो लगी है यादेँ हैँ तो लाज़मी है अश्कों से धोना सूख जाते हैँ कुछ नासूर_ए_ज़ख्म बस चंद बूँदों से धोने पड़ते हैँ रिसते रहते हैँ ….कतारों में वो #दर्द जो लम्हों में ठहरे रहते हैँ ज़िस्मों_जाँ […]
लोग साथ होकर भी ,हमनवा क्यू नही होते। बातें बहुत करते है,हमजुबां क्यू नही होते। एक दहशत सी तारी है हर एक बस्ती मे गर आदमी है तो हम, इंसा क्यू नही होते। सजाये रखते हैं जिनको हम दिल के शीशे में मेरे गमगीन होने पर वो गमजदा क्यू नही […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।