जमना चाची के पति की मौत हो गई! उन्हे तीन बेटे थे और 4 बेटियाँ भी थी! बेटियाँ की शादी हो चुकी थी! नदी के किनारे गांव में रहते थे, खेती के लिए जमीन थी उसमे बारिश न होने के कारण फसल नहीं होती थी!, एक साल बाद उनकी जमीन […]

अचानक ही मेनका के पति ने उस पर हमेशा की तरह हाथ उठाया लेकिन ये क्या घ् आज चिन्टू ने उसके हाथ को जोर से पकड़ लिया, बोला अब नही बस बहुत हो लिया, आज के बाद मां को हाथ भी लगाया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा समझ लेना […]

      अच्छे दिन की शुरुआत हो चुकी थी लोगों को ठंढक का एहसास प्रचुर मात्रा में होने लगा था। लोगों के शरीर से गर्मी के पतले-पतले कपड़े उनी कपड़ों के आगे घुटने टेक रहे थे। जो लोग गर्मी के दिनों में कई बार स्नान किया करते उनके स्नान […]

अहमदाबाद के नजदीकी गाँव, नदी किनारे स्थित था | उस गाँव में संजय और सारिका दोनों सुख चेन से रहते थे | दोनों में गहरा प्यार था | इस वजह से संजय और सारिका ने प्रेम शादी किया था | संजय पोलिस की नौकरी करता था | संजय और सारिका […]

आज माँ के साथ  दीवाली की  सफाई मे  मैं हाथ बंटा रही थी | यकायक सफाई करते-करते एक छोटा बक्सा हाथ लगा। “माँ से पुछा,तो माँ हल्का मुस्कुरा कर बोली”,  ये…..ये मेरी और तेरे पापा की वो यादें हैं, जिन्हें देख हमारे लबो पे मुस्कुराहट आ जाती है। मैंने झट […]

रोज़ की तरह ही वह बूढा व्यक्ति किताबों की दुकान पर आया, आज के सारे समाचार पत्र खरीदे और वहीँ बाहर बैठ कर उन्हें एक-एक कर पढने लगा, हर समाचार पत्र को पांच-छः मिनट देखता फिर निराशा से रख देता। आज दुकानदार के बेटे से रहा नहीं गया, उसने जिज्ञासावश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।