सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक एतिहासिक फैसला किया है। उसने एकमत से माना है कि दिल्ली राज्य के प्रशासन-संचालन में उप-राज्यपाल का पद ध्वजमात्र है। वह प्रशासन का सर्वेसर्वा नहीं है। यह फैसला सिर्फ केजरीवाल सरकार की विजय नहीं है, यह देश के संविधान को भी स्पष्टता प्रदान करता है। […]

आजकल मैं इंदौर याने मालवा क्षेत्र में हूं। कल प्रधानमंत्री ने इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ को सम्मानित किया, क्योंकि इंदौर दूसरी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। मेरे-जैसे इंदौरी के लिए यह गर्व की बात है। यहां आकर नरेंद्र मोदी ने काफी प्रशंसात्मक और प्रेरणादायक भाषण […]

चार महीने पहले द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने चेतावनी दी थी कि यदि केंद्र सरकार तमिलनाडु में राजमार्गों पर लगे मील के पत्थरों पर अंग्रेजी मिटाकर हिंदी में लिखती है तो “नया हिंदी विरोधी आंदोलन” छेड़ दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि सरकार का कदम “हिंदी को पिछले दरवाजे […]

देश में कुछ संगठन ऐसे हैं, जो निस्वार्थ भाव से जन सेवा के काम में जुटे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल भी एक ऐसा ही संगठन है, जो मुश्किल वक़्त में लोगों की मदद करता है। कहीं बाढ़ आए, सूखा पड़े या फिर कोई और मुसीबत आए, संगठन के […]

  दिन ढलने को था, आसमान से श्वेत कबुतर अपने आशियानों की तरफ लौटने ही वाले थे, कहवा ठण्डा होने जा रहा था, पत्थरबाजों के हौसले परवान पर थे, अलगाववाद और चरमपंथ अपनी उधेड़बुन में बूमरो गुनगुना रहा था, चश्म-ए-शाही का मीठा पानी भी कुछ कम होकर एक शान्त स्वर […]

मैं जिस शहर में रहता हूं इसकी एक बड़ी खासियत यह है कि यहां बंगलों का ही अलग मोहल्ला है। शहर के लोग  इसे बंगला साइड कहते हैं। इस मोहल्ला या कॉलोनी को अंग्रेजों ने बसाया था। इसमें रहते भी तत्कालीन अंग्रेज अधिकारी ही थे। कहते हैं कि ब्रिटिश युग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।