स्वच्छ इंदौर के संदेश

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आजकल मैं इंदौर याने मालवा क्षेत्र में हूं। कल प्रधानमंत्री ने इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ को सम्मानित किया, क्योंकि इंदौर दूसरी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। मेरे-जैसे इंदौरी के लिए यह गर्व की बात है। यहां आकर नरेंद्र मोदी ने काफी प्रशंसात्मक और प्रेरणादायक भाषण दिया लेकिन अखबारों ने लिखा है कि हर कोशिश के बावजूद भाजपा के नेता ठीक से भीड़ नहीं जुटा पाए। इसमें भाजपा के नेता क्या करें ? अब मोदी लहर तो उतर चुकी है। मोदी को भी अब घटती भीड़ की आदत पड़ गई है। अखबार वाले फिजूल खिंचाई करते रहते हैं। कल सुबह मैंने टेक्सटाइल संघ के एक अखिल भारतीय अधिवेशन का उदघाटन किया। देश के कोने-कोने से कई विशेषज्ञ और उद्योगपति आए हुए थे। उनके भाषण सुनने पर पहली बार मुझे पता चला कि जो तैयार कमीज़ बाजार में डेढ़-दो हजार रु. में बिकती है, उसमें 100 रु. का भी सूत नहीं लगता और सूत कातनेवाले मजदूर को 50 रु. भी मजदूरी के नहीं मिलते। आज भारत दुनिया का ऐसा दूसरा देश है, जो सबसे ज्यादा कपड़ा बनाता है। आज से तीन-चार सौ साल पहले यूरोपीय देशों की सुंदरियां ढाका का मलमल पहनने के लिए तरसती थीं। आज भी भारत का कपड़ा काफी अच्छा माना जाता है लेकिन जब तक मजदूरों और कार्मिकों को ठीक-ठीक मजदूरी और इज्जत नहीं दी जाएगी, इस उद्योग में भारत सबसे आगे नहीं पहुंच पाएगा। आश्चर्य है कि इस कार्यक्रम में आयोजकों ने किसी मंत्री या नेता को नहीं बुलाया। वैसे आजकल कई पूर्व मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और विधायकों की कुछ स्थानीय अखबार काफी मरम्मत कर रहे हैं। उन्होंने भोपाल के सरकारी बंगलों पर बरसों से कब्जा कर रखा है। इसमें सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं। वे उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की भी अनदेखी कर रहे हैं। नेताओं की कुर्सियों को तो इससे तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन उन सबको अपनी छवि का ध्यान तो जरुर रखना होगा। उन्हें राजनाथसिंह, मुलायमसिंह और अखिलेश से कुछ सबक लेना चाहिए।
#डॉ. वेदप्रताप वैदिक 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।