मुश्किल बड़ी डगर में हूँ अभी तो मैं सफर में हूँ अपना कोई दिखता नहीं लगता है मै शहर में हूँ जिंदा यहां कातिल शहर में माँ की दुआओं की असर में हूँ नाम है मेरा या बदनाम हूँ मैं किस अखबार की खबर में हूँ जाने क्या होगा अंजामे […]

अमन शांति क्यों भंग हो रही……… इंसान आज झूठ बोलता मिला है कुछ नहीं बस जहर घोलता मिला है जात पात ऊंच नीच में उलझा हुआ खुद को रुपयों पैसों से तौलता मिला हैं शराफत का दौर जैसे खत्म हो रहा हो नशे की लत बढ़ी और डोलता मिला है […]

भला जो करते है महान रहते हैं सुना है धरा पर इंसान  रहते  हैं मानवता का कुछ परिचय भी दे दो बनकर क्यों भला अनजान रहते हैं मजलूमों की चीखें पुकार भी सुन लो बंद कर क्यों अपने कान  रहते  हैं रिश्ते भूल कर चली  मतलब परस्ती लगे घरों में […]

रूठे को अब मनाता कौन है दिल के करीब आता कौन है तन्हा सफर और तन्हा जिंदगी साथ उम्र भर निभाता कौन है बड़ी मतलबी लगती है ये दुनिया अपना किसी को बनाता कौन है चलन नफरतों का चल गया जैसे चाहत भला अब जताता कौन है आँसू ये जख्म […]

राखी का अब त्यौहार आया है खुशी का जैसे खुमार आया  है बांधी राखियां भाई की कलाई में गजब चेहरे पे अब निखार आया है अटूट ये रिश्ता अनमोल है बन्धन मिले जब -जब भी करार आया है हिफाजत भाई करेगा रखती है उम्मीदें देखो ये अनोखा प्यार  आया है […]

बहन जिसकी नहीं सुनी कलाई है त्यौहार में राखी के आँख भर आईं है भाई के लिए बहन भी होना जरूरी है भाई से बहन ने सुख दुख जताई है प्रीत का ये त्यौहार है रक्षा बंधन इसी त्यौहार में खुशियां समाई है बड़े अनमोल है रिश्ते संभालने होंगे वरना  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।