” बाबा ! ऐसा मत करिए. वे जी नहीं पाएंगे,” बेटी ने अपने पिता को समझाने की कोशिश की. ” मगर, हम यह कैसे बरदाश्त कर सकते हैं कि हमारी बेटी अलग रीतिरिवाज और संस्कार में जीए. हम यह सहन नहीं कर पाएंगे. इसलिए तुम्हें हमारी बात मानना पड़ेगी.” ” […]

बात मार्च माह की है,जब सर्दियों का मौसम धीरे-धीरे खिसक रहा था और ग्रीष्म ऋतु दहलीज पर थी। विवान अपनी कक्षा 12वीं की परीक्षाओं की तैयारियों में पूरी तरह से व्यस्त था,क्योंकि विवान ने पहले से निश्चय कर लिया था की इस वर्ष कक्षा 12वीं वह प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण […]

माँ मुझे चीखें सुनाई आ रही है। कौन रो रहा है , क्यों रो रहा है? अभी तुम छोटी हो फिर भी समझने की कोशिश करो हमारे बहुत सारे सैनिक मर गए हैं। मेरी बेटी अंधी थी उसे कुछ दिखता नहीं था। मात्र आठ साल की है। ब्रेल लिपि पढती […]

“मम्मा! नाना जी का कॉल आया था,” वॉकिंग से लौटी गीता से घर में घुसते ही तनुज ने कहा। “क्या कह रहे थे नानाजी?” “मेरे फोन उठाने तक तो कट गया, मुझे पासवर्ड नहीं पता तो कॉल बैक भी नहीं कर पाया,” फोन में पासवर्ड डालने की भड़ास को ज़ाहिर […]

दीदी जी मेरे पति की तबियत बहुत खराब है,ओर साहब ने मुझे पिछले दो माह से तनख्वाह भी नही दी है।अगर आप अभी कुछ पैसे दे सके।कजरी इसके आगे कुछ कह पाती उसके पहले ही मालकिन बोली,मेरे पास पैसे कहाँ है।तेरे साहब बाहर गए है,वो एक दो दिन में वापस […]

पूरे देश की जनता के रक्त में उबाल आ रहा था। एक आतंकवादी ने 200 किलोग्राम विस्फोटक एक कार में रखकर सेना के जवानों से भरी बस से वह कार टकरा दी और देश के 40 सैनिक शहीद हो गए थे। सेना के हस्पताल में भी हड़कंप सा मच गया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।