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जैसे ही वह जेल में पहुंचा, उसे एक ‘स्पेशल सेल’ में ले जाया गया। उसने संतरी से पूछा-‘ये मुझे कहाँ ले जा रहे हो, क्या मुझे सामान्य कैदियों की तरह उनके साथ नहीं रखा जाएगा?’ ‘नहीं बाबा, जेलर साहब ने जेल में आपके जैसे सब दूतों के लिए अलग सेल […]

हमारा देश है सबसे न्यारा। इसलिए हमें है अपनी जान से प्यारा॥ हमारे देश का नाम है भारत। हम भारतीयों के दिल में है इसकी चाहत॥ भारत की सबसे अलग ही है पहचान। अनेकता में एकता है इसकी शान॥ हमारे वीरों ने ही दी अपनी कुर्बानी। तब मिली हमें नई […]

होकर भुजंग ने दंभ ग्रस्त,राजा के पैर में काट लिया, राजा पल भर ही तड़पा,विष ने जीवन को घेर लियाl वो राजा कोई और नहीं,वो तेज प्रतापी परीक्षित था, जो गर्भ में मरकर भी साथी श्रीकृष्ण कृपा से जीवित थाl लेकिन वो सर्प था दंभ ग्रस्त,अपने विष में वो बड़ा […]

हर पल मैं हर लम्हा तुमको ही जीता हूँ, जीने में मरने में,तुमको ही खोता हूँ। बिन तेरे तन्हा-सा ,एकांकी फिरता हूँ, सब कुछ खोकर साथी, बेफिकरा लगता हूँ। मृग की में तिष्ण-सा,हर तरफा भगता हूँ, जीने और मरने में बस आहें  भरता हूँ। हर पल मैं,हर लम्हा तुमको ही […]

चाँद की चांदनी हो तुम, सूरज की रोशनी हो तुम सितारों की चमक हो तुम, चूड़ी की खनक हो तुम। सावन की फुंहार हो तुम, प्रीतम का प्यार हो तुम कस्तूरी की महक हो तुम, चिरैया की चहक हो तुम। फूलो में गुलाब हो तुम, सुबह का ख्वाब हो तुम […]

हाँ वो जनवरी 2 ही थी,जब वह मिताक्षरा से आखरी बार मिलने गया था। उसके मन में प्यार को लेकर तड़प-जलन-शिकवा-शिकायत सब कुछ था जिसे वो आज अपनी मीतू के सामने कह देना चाहता था। उसकी याददाश्त भी इतनी जबरदस्त कि,पिछले ७ सालों का हर लम्हा अंगुली पर गिना सके। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।