सांपों की दुनिया में लोग सांप पाल रहे हैं। सभी चाहते हैं सांप मिले,कुछ चाहते हैं सांप बन जाएं। सांप होना और सांप पालना एक जैसा ही है। पहले लोग आस्तीन में सांप रखते थे,अब घर-मुहल्ले,शहर,नगर और सभी जगह…।  आप सांप हो या न हो,लेकिन आप चाहेंगे कि सांप को […]

खा रहे हैं पाप धन की जो मलाई, क्या करेंगे जिन्दगी में वो भलाई। चाटुकारी कान भरना काम इनका, इनने ही तो देश की जनता सताई। तुम भी खाओ-हम भी खाएं देश का धन, कौन दे ईमान की घर-घर सफाई। पश्चिमी सोचें अभी तक क्यों हैं जिन्दा, जिसकी खातिर जान […]

गरीबों का पुल होता है,अमीरों का `उड़न पुल`(फ्लाई ओवर)। पुल का इस्तेमाल गरीब लोग भी कर लेते हैं और अमीर भी। ठंड में `उड़न पुल` फैल जाते हैं और गरीब सिकुड़ जाता है। गरीब की सिकुड़न बढ़ जाती है और गरीबी पुटपाथ से खिसककर `उड़न पुल` के नीचे आ जाती है। पुलों का निर्माण नदी […]

टांग पकड़े-पकड़े झम्मन सीधे पिताश्री के पास पहुंचे और बोले-हमारी जात कौन-सी है ? पिता समझदार थे, झम्मन की तरह उज्जड़ नहीं थे। धीरे से बोले-तुझे जात से क्या करना ?  झम्मन ने बोलना शुरू किया-अरे गलती से गुजरात की सरहद में पहुंच गया। पहला प्रश्न-केम छो। हमने भी कह […]

`साहब` किसी भी प्रजाति का हो,साहब ही होता है। साहब की कई प्रजातियां होती हैं। साहब को साहब मानने का एक ही आधार है। साहब का एक पी.ए.(निज सहायक) हो। बिना पी.ए. साहब नहीं होता,और साहब के बिना पी.ए. नहीं हो सकटा है। इसमें एक फजीहत है। जिस तरह अस्पतालों […]

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`इंडिया गेट` की `खिचड़ी` चुनाव प्रेरित है। गुजरात और हिमाचल में नेता खिचड़ी पका रहे हैं,उससे प्रतिस्‍पर्धा करने के लिए इंडिया गेट पर ये खिचड़ी पकाई जा रही है। दिल्‍ली में खिचड़ी से ज्‍यादा रायते का महत्‍व है। चुनावी खिचड़ी की लोकप्रियता देखकर ही इंडिया गेट पर कुछ रसोइयों  ने […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।