अपनी धरती माँ के श्रंगार को नहीं उजाड़ना चाहिए , हर इंसान को कम से कम एक पेड़ लगाना चाहिए । क्या सदैव देने की रीत निभायेगी प्रकृति ही हमको , कुछ कर्तव्य हमको भी धरती माँ के प्रति निभाना चाहिए। माना समय नहीं व्यस्त रहते हो अपनी ही तरक्की […]
चारण चरण वंदन कर रहे हैं एक नौकर पानी ले आया है दूसरे के हाथ में खाना है एक के हाथ में ढाल है दूसरे के पास तलवार है मुकुट कोई तीसरा सम्हाल रहा है जूतियां चौथा खंगाल रहा है हर ब्यवस्था उनका चारणोदर ले अपनी आस्था दिखा रहे हैं […]
“नाऊ ठाकुर राम-राम”… आगंतुक ने अपनी छड़ी ठुड्डीयों पर टिकाकर पड़ी बेंच पर बैठते हुए अपने आने का संकेत दिया… राम- राम साब जी! जमुना ने बाल काटते हुए ही प्रत्युत्तर किया। ‘ये तो अपने कलेक्टर साहब है’ उनपर नजर पड़ते ही जमुना मन ही मन मुस्कुराया… नौकरी में थे […]
कमतर है तो कूटा कर तगड़ा है तो फूटा कर जज मुंसिफ सब तेरे हैं सच्चे को भी झूठा कर कब तक कागज कोरेगा दिल पर उनके बूटा कर ईमानों की कीमत क्या थोड़ा थोड़ा लूटा कर जख्मों में जो पिन डाले तू भी उसके खूटा कर #दिवाकर Post Views: […]
कितनी सहज और स्वाभाविक इच्छा थी तुम्हारी माफ कर दो मुझे…. कई दिनों का ठहरा हुआ आवेग अजीब सी बेबसी और एक कचोट जो उमड़-धुमड़ कर पिघलने को तैयार थी संवेदना के इतिहास से घिरे स्नेहसिक्त बादल आज बरस तो गए पर बूंदें धरातल तक नहीं आई त्रिशंकु की तरह […]
(जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतिपुरा में आतंकी हमले में हुतात्मा वीरों के याद में शासनतंत्र को कर्तव्यबोध दिलाती एक कवि की भावपूर्ण कविता –) कह रहा स्तब्धित खड़ा हिमालय, घुटता रो-रो सिंधु का नीर, हे भारत के सेवक जगो, क्यों मौन सुषुप्त पड़े अधीर ! क्रुर प्रहार झंझावातों […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।