पश्चिम की नकल की भांति हिंदी में भी किताबों की श्रेष्ठ विक्रेता वाली दौड़ बहुत तेज रूप में चल पड़ी है,जिस पर लगाम लगाना मुश्किल ही नहीं,बल्कि नामुमकिन नज़र आता है,क्योंकि इस दौड़ को आयोजित करने वाले,दौड़ के लिए ट्रेक बिछाने वाले ग़ैर साहित्यिक नामी प्रकाशक हैं,जो अपनी व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता […]