पश्चिम की नकल की भांति हिंदी में भी किताबों की श्रेष्ठ विक्रेता वाली दौड़ बहुत तेज रूप में चल पड़ी है,जिस पर लगाम लगाना मुश्किल ही नहीं,बल्कि नामुमकिन नज़र आता है,क्योंकि इस दौड़ को आयोजित करने वाले,दौड़ के लिए ट्रेक बिछाने वाले ग़ैर साहित्यिक नामी प्रकाशक हैं,जो अपनी व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता […]

इसे संयोग ही कहा जाएगा कि,भारत में नवरात्रि का उत्सव और मोहर्रम इन दिनों दोनों एकसाथ आए हैं। नवरात्रि में नौ दिन-रात तक माँ शक्ति दुर्गा की आराधना की जाती है और आव्हान किया जाता है कि,जीवन में शक्तिमत्ता बनी रहे। ऐसे ही मोहर्रम में दस दिन तक मातम मनाते […]

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(प्रेमचंद जयंती पर विशेष) प्रेमचंद के पुनर्पाठ की आवश्यकता आज के संदर्भों में की जानी चाहिए;ये बात सही है,लेकिन आज की स्थितियाँ बहुत से क्षेत्र में मानवीय और भौतिक विकास करने की सोच की दिशा और प्रयत्नों में बदल चुकी हैं। आज पहले से भी अधिक कारगर शोषण के हथियार […]

ये दो नीली लकीरें बताती हैं, वो पढ़ता तो है मुझे पर जवाब नहीं देता.. मेरी धड़कन रोज़ बताती है, वो याद तो करता है मुझे पर बात नहीं करता। दिल तो मेरी तरह उसका भी होता है, फोन करुं.. पर फोन लगा नहीं पाता, ये दिल कमबख्त तय नहीं […]

मेरे सामने की दुनिया कितनी तेज़ी से बदल रही है, बदल रहे हैं कई शब्द लोप हुए जा रहे हैं कई अर्थ, उग आए हैं कई मुहावरे कंटीली झाड़ियों की तरह। मैं प्यार करता था जिस लड़की से, वो हिन्दू थी सोचा था मैं भी हो जाऊँगा हिन्दू ठीक उसी […]

वामपंथ को आज भारत में शक की निगाहों से देखते हुए इसको सीधा-सीधा उग्रवाद से संबद्ध करते हुए उपद्रवी,बाग़ी और आतंकवादी प्रवृत्तियों के निकट लाकर देखा जा रहा है,लेकिन इस तरह से देखने के दो स्पष्ट कारण दिखाई देते हैं। पहला यह कि परंपरावादी प्रारम्भ से वामपंथ के विरोध में […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।