बेवफाई का शौक उस बेदर्द का, कुछ इस कदर पला था! छोड़कर आया था जिन राहों को, फिर उन्ही पर चला था!! कभी मन भर गया था जिनसे, आज वही  प्यारे हो गए! चुभने लगे थे जो आंखों में, वही आँखों के तारे हो गए!! जिनसे नही मिला सहारा, आज […]

देख कर करतूत जमाने की, मेरा खून ख़ौल उठता है! कैसे पैदा करूँ मैं बेटी, एक बेबस बाप बोल उठता है!! अगर दुनिया में आयी मेरी  बेटी, ये दरिंदे जीने ना देंगे! ना सुख से रह पाएगी वो, घूंट पानी की पीने ना देंगे!! कहां छिपाऊँगा उस कली को,कहाँ-कहाँ साथ […]

कोई तो जाकर एक दफा बेदर्द को देख आओ यारो,            सुना है आजकल उनके चेहरे पर बड़ा नूर आया है! बड़ी शख्सियत बन गए वो और गुमनामी में है हम,           पूछ आओ कि इसी बात का उनको गुरुर आया है!! […]

          हिंदी है अगर तेरी मातृभाषा, तो हरियाणवी भी तेरी बोली है! दोनों को साथ लेकर ना तू चला, आंख क्यों ना तूने खोली है!! हिंदी तेरी की सीमा नही है, हरियाणवी की है सुषमा(१)निराली! हिंदी है तेरी रुक्मणि सी, हरियाणवी है तेरी राधा वाली!! ममता […]

फेसबुक की दुनिया ने देखो,  ये कैसा गजब ढाया है! शाम को ही सोने वाले पप्पू को, सारी रात जगाया है!! फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होते ही, ये मैसेंजर में घुस जाते हैं! हाय, हेलो, कैसी हो डिअर, ये मैसेज की लाइन लगाते हैं! ना दे जवाब कोई लड़की, तो वीडियो […]

चुनावों का मौसम चल रहा है, वोटों की गर्मा-गर्मी है! किसान का हाल देखो, उसकी नस नस में तना-तनी है!! नेता वोट बटोरने में हैं व्यस्त, जा रहे हैं ये जनता के द्वार! किसान को लपेटा आग ने, तो कभी पड़ी ओलों की मार!! दिन-रात कुर्सी के लिए, ये सफेदपोश […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।