नेता बनाम किसान

0 0
Read Time2 Minute, 22 Second

sushama malik

चुनावों का मौसम चल रहा है, वोटों की गर्मा-गर्मी है!
किसान का हाल देखो, उसकी नस नस में तना-तनी है!!
नेता वोट बटोरने में हैं व्यस्त, जा रहे हैं ये जनता के द्वार!
किसान को लपेटा आग ने, तो कभी पड़ी ओलों की मार!!
दिन-रात कुर्सी के लिए, ये सफेदपोश नेता भाग रहे हैं।
फसल की चिंता में देखो, किसान रात को जाग रहे हैं!!
नेता को वोट चाहिए बस, चल रहे हैं आज इनके रोड-शो!
किसान को लगी है चिंता, जो दिया है उसने खेत मे बो!!
किसान पर भी करें राजनीति, चाहिए बस कुर्सी औऱ नोट!
पल-पल घुट रहा किसान जो, फिर भी इनको देता वोट!!
चुनाव के वक़्त ही जागे, फिर 5 साल तक ये सोते हैं!
किसानों की हालत देखो, जो सारी उम्र तक रोते हैं!!
ये कहलाते देश के नेता, जो झूठे वादे आज कर रहे हैं!
उस किसान की गिनती नही, जो देश का पेट भर रहे हैं!!
नेताओं से शोषित ये देश, फिर भी ये मेरा भारत  महान है!
आंख खोल देख “मलिक”, किसान इस देश की शान है!!

#सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१ तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बोलती निगाहें

Wed May 8 , 2019
शब्दों ने ओढी खामोशी बोले मेरी निगाहें। मेहंदी, कंगना, कजरा, गजरा फूल तुम्हें छूने को आतुर अल्हा , कजरी, फाग सभी के शरमीले से लगते है सुर नजर, नजर से कहे, नजारे हम तो कुछ न चाहे शब्दों ने ओढी खामोशी बोले मेरी निगाहें । तुम्हे देखकर भोर सुहाए सांझ […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।