देश के बहुचर्चित युवाकवि श्री सुनील चौरसिया ‘सावन’ की कविताएं जन-मन की कविताएं होती हैं। आपकी कविताओं में सिर्फ आम आदमी के मन की ही आवाज नहीं होती है अपितु सरकारी योजनाओं के दिलों की धड़कन भी होती है। आप देश की सोचनीय समस्या कुपोषण को सरकार तक कुछ इस […]

जीवन का “विवादास्पद” होना सहनीय है लेकिन “हास्यास्पद” होना….. उत्थान और पतन हास्य और रुदन यही है जीवन कलकलाती गंगा में भी रेत को उड़ते देखा है। ज़िन्दगी की कहानी को क्षण भर में मुड़ते देखा है।। ज़िन्दगी एक पहेली है । विश्वसनीय सहेली है।। प्रेम- भाव उर में जगाकर […]

हिन्दू ,मुस्लिम, सिख ,ईसाई , सबका हिंदुस्तान रहे मन्दिर- मस्जिद बने अवध मे , जाति धर्म सम्मान रहे ll भारत माता खुशी हो गई , खुशी राष्ट्र का गान हुआ ll न्यायधीश के आज न्याय से , न्यायालय का सम्मान हुआ ll मानव की मानवता कायम , मानव धर्म महान […]

उत्थान और पतन का है मिश्रण जीवन सूखा हुआ सुख पाकर क्यों हो मगन ? दुनिया का दुःख देख सूख जाता मन आज यौवन , बुढ़ापा , बचा न बचपन संतोष ही है सुख का सर्वोत्तम रतन जलाकर ज्ञान – दीप ,जला दो जलन मत कर, ईर्ष्या-द्वेष से होता है […]

डरने लगी है कुमुदिनी , देखकर कमल को | कुछ समझ में न आ रहा , बेखबर जल को || जल जाना चाहती है जल में जीते – जीते | अनैतिक लहर के जहर को पीते- पीते || खिलने से पूर्व है प्राण त्यागना अच्छा | प्रदूषित सरोवर में कहाँ […]

आओ मिलकर दीप सजाएँ जगमग जगमग ज्योति जलाएँ दानवता को दूर भगाकर मानवता की कली खिलाकर वर्षों बाद पुरुषोत्तम आए आओ मिलकर दीप सजाएँ जगमग जगमग ज्योति जलाएँ एक दूजे को गले लगाकर भाईचारा का भाव जगाकर ख़ुशी -ख़ुशी से नाचे गाएँ आओ मिलकर दीप सजाएँ जगमग जगमग ज्योति जलाएँ […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।