आदि भवानी मात, वही दुर्गे नव रूपा। भजते जो मन भाव,भिखारी जन या भूपा। नौ दिन के नौ रूप, धरे सुन्दर जग माता। महा पर्व नवरात्रि, दशहरे पहले आता। . ✨✨✨✨ श्राद्धपक्ष के बाद,दिवस जो पहला आता। सब के मन सद्भाव, मातृ पूजा को भाता। बेटी बहिनें मात, पराई सब […]

रखूँ किस पृष्ठ के अंदर, अमानत प्यार की सँभले। भरी है डायरी पूरी, सहे जज्बात के हमले। गुलाबी फूल सा दिल है, तुम्हारे प्यार में पागल। सहे ना फूल भी दिल भी, हकीकत हैं, नहीं जुमले। . 🥬🥬🥬 सुखों की खोज में मैने, लिखे हैं गीत अफसाने। रचे हैं छंद […]

आ बैठे उस पगडण्डी पर, जिनसे जीवन शुरू हुआ था। बचपन गुरबत खेलकूद में, उसके बाद पढ़े जमकर थे। रोजगार पाकर हम मन में, तब फूले ,यौवन मधुकर थे। भार गृहस्थी ढोने लगते, जब से संगिनी साथ हुआ था। आ बैठे उस पगडण्डी पर जिनसे जीवन शुरू हुआ था। रिश्तों […]

1💫💫💫💫💫 हिन्दी भारत देश में, भाषा मातृ समान। सुन्दर भाषा सुघड़ लिपि,देव नागरी मान।। 2💫💫💫💫💫 आदि संस्कृत मात है,निज भाषा की जान। अंग्रेजी सौतन बनी , अंतरमन पहचान।। 3💫💫💫💫💫 हिन्दी की बेटी बनी, प्रादेशिक अरमान। बेटी की बेटी बहुत, जान सके तो जान।। 4💫💫💫💫💫 हिन्दी में बिन्दी सजे, बात अमोलक […]

चार चरण, २,२ चरण समतुकांत . सगण सगण सगण गुरु, . (१०वर्ण) . ११२ ११२ ११२ २ . 👀👀 . चाहत धरती अपनी जननी है। शशि से उजली रजनी है। सविता तम को हरता है। रचना जग की करता है। रखती सबसे अपनापा। सहती जग के भव तापा। अपनी जननी […]

. 10,9 पर यति प्रति 2 चरण समतुकांत 3, 10, 17 वीं मात्रा लघु अनिवार्य 2 मात्रा भार को 11 लिखने की छूट नहीं मापनी 2122 2122 212 आज माता भूमि, चाहे वीरता। शक्ति चाहे भक्ति, चाहे धीरता। देखलो काश्मीर, घाटी देश की। मानते है शान, माँ के वेष की। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।