गुरु से पाया जग ने सदा ज्ञान करें प्रणाम । जल है दाता जीवन प्रवाह का सहेज आज । धरा का धैर्य मां-पिता समर्पण हो आत्मसात । अन्न दाता ने हरित की धरती भूखा ही सोए । नारी जीवन रिश्तों की सूत्रधार त्याग अपार । संध्या रामप्रसाद पाण्डेय अलीराजपुर (मध्यप्रदेश) […]

1) नीले नभ को निहारता सुदूर हैरान हुआ। 2) पग मिलाना उदित उषा सूर्य तय ढलना । 3) लो मेघ आए आँखों में पले ख्वाब धरा निहारें 4) मन सागर नयन-नीर प्रेम भीगा है तन । 5) प्रकृति बाँटे अमूल्य उपहार प्रकृति प्यार । श्रीमती रश्मिता शर्मा इन्दौर (मध्यप्रदेश) Post […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ देश ही नहीं अपितु विश्वभर में इस समय सोशल मीडिया बहुत आक्रामक शैली से कार्यरत है। कहते हैं यह घोड़ा बेलगाम होता जा रहा है, युवाओं में सोशल मीडिया आवश्यकता से कहीं अधिक लत बन चुका है। ऐसे दौर में यदि पीढ़ी को इस […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ कविता के इतिहास से इस बात की गवाही मिलती है कि हर युग में कविता ने जनजागरण का कार्य किया है। कविता का मूल स्वभाव ही जनतंत्र की स्थापना और उनका जागरण है। 1923 में गयाप्रसाद सनेही जी द्वारा प्रारम्भ हुई कवि सम्मेलन परम्परा […]

इंदौर। विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा पुस्तक समीक्षा प्रतियोगिता में अलीराजपुर की संध्या रामप्रसाद पाण्डेय विजेता बनीं। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘उक्त प्रतियोगिता डिजिटल स्वरूप में आयोजित की गई थी, कई रचनाकारों ने पुस्तकों की समीक्षाएँ भेजी […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ यूएनएफ़पीए की रिपोर्ट के अनुसार अब भारत विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश तो बन गया किन्तु इस जनसंख्या में युवाओं की संख्या अधिक है। अब इन युवाओं के बौद्धिक उत्थान के लिए उन्हें साहित्य से जोड़ना भी बहुत आवश्यक है। इसी दिशा में […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।