मात-पिता की महिमा वो जो,कोई नहीं लिख पाया है। माँ  ममता  की  देवी  जग में,पिता सदा सुख साया है। मैंने नन्हें कदम रखे जब,सबने खुशी मनाई थी। बहुत दिनों के बाद आज इस,आँगन खुशियां आई थी। नाक नक्श सब गए मात पर,पिता रूप तन पाया है। माँ ममता की देवी […]

कभी संयोग यह बनता कहीं इनका भी मर जाता, तो भारत पाक का मसला उसी दिन खत्म हो जाता। फँसी है सैनिकों की जान इनकी ही सियासत में, चिता को आग देते तो इन्हें भी ज्ञात हो जाता॥                         […]

माँ वसुंधरा तो पिता अंबर-सा साया। माँ शीतल आंचल तो  पिता कड़कती धूप में  छाया॥ माँ है पवित्र गंगा जल,तो पिता है पर्वत विंध्याचल। माँ है खुशियों का आँगन, वहीं पिता है रहा आवरण॥ माता-पिता है इंसान के रूप में ईश्वर। इनसे सदा सजा रहे हमारा घर-मंदिर॥ माता-पिता है जीवन […]

पिता से अस्तित्व मेरा,पिता हैं जीवन बीज, गुरु बनकर दी,सन्मार्ग की मुझको सीख़। संघर्ष सिखाया और जगाया मेरा स्वाभिमान, प्रतिछाया हूँ उनकी,पिता से मेरी पहचान। पीड़ा  जब होती मुझको,तो सह नहीं पाते थे, बिन देखे मुझको,दो पल रह नहीं पाते थे। जतन से सम्भाला मुझको,दिया स्नेह दुलार, छूटा जब  साथ […]

  दीवारों के हिस्से अनुशासन के, तोड़फोड़ का हुआ धमाका हैl   आँखें सूजी हैं फागुन की, किस्से बदल गए बातचीत की दीवारों के हिस्से बदल गए, तिड़कझाम से भरा हुआ यह सघन इलाका हैl   त्योहारों की साँस-साँस पर भृकुटी के पहरे, मेलजोल की शहनाई के कान हुए बहरे, […]

शब्द-शब्द में, चंद सांसें छिपा रखी हूँl  सजल आँखों के गीले कोर पे बस तुम्हें छुपा बैठी हूँl    दिल की बंद सीपियों में यादों की गठरी से,  निकाल एक-एक मोती रोज़ गूँथती हूँ जी रही हूँ बस कि,  सांसें अकेली ना पड़ जाएl    इश्क के रंग से रंजित  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।