याद किया फिर सावन में, उस अलबेले साजन ने।  मंद पवन के झोंकों में,  इन काले-काले मेघों ने।  इन रिमझिम-रिमझिम बूँदों में,  इन खिलते-खिलते फूलों ने।  यह सुगंध तन श्रंगार भरी,  यह सजनी साजन द्वार खड़ी।  मौसम की यह अंगड़ाई,  देख सखी सावन आई।             […]

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मर्यादा के गढ़ गिरे,मानव हुआ स्वतंत्र। रिश्ते नाते भूलकर,जपे स्वार्थ का मंत्र ll मानव की कीमत नहीं,मँहगा हुआ पदार्थ। भौतिकता के बोझ में,दबा हुआ परमार्थ ll वातायन गायब हुए,घर-घर हुआ उदास। गौरैया ने कर लिया,घर के बाहर वास ll हाँफ रही है ज़िंदगी,हुआ तवे-सा गाँव। कुछ रुपयों में बिक गई,वट,पीपल […]

न कहीं धूप,न कहीं अब छाँव है,  दिख रही  रिमझिम फुहार है।   बगीचे तले डाली-डाली फूल झूमे, आपस में लिपट-लिपट गाल चूमे.. तितलियाँ रँगीली इधर-उधर घूमे, डालियाँ लताएं भी सारे गम भूलेl    क्यारियों में डूबे जहाँ सूखे पाँव है, वहीं दिख रही रिमझिम फुहार है।   सड़कों पर […]

ऐसा लगता है कि,उत्तराखंड की सरकार को मूर्खता का दौरा पड़ गया है। जो मूर्खता वह करने जा रही है,वह भारत में आज तक किसी भी सरकार ने नहीं की है। मज़े की बात है कि,उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है। अब उत्तराखंड के १८००० सरकारी स्कूलों में सारे विषयों […]

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पिछले एक माह से भारत-भूटान-चीन सीमा पर भारी तनाव व गर्म माहौल है। चीन,भारतीय सीमा के नजदीक सैन्य सड़क मार्ग का निर्माण करना चाहता है और भारतीय सेना उसके सड़क निर्माण कार्य को रोककर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है,जिसके कारण दोनों सेनाओं के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। […]

होकर भुजंग ने दंभ ग्रस्त,राजा के पैर में काट लिया, राजा पल भर ही तड़पा,विष ने जीवन को घेर लियाl वो राजा कोई और नहीं,वो तेज प्रतापी परीक्षित था, जो गर्भ में मरकर भी साथी श्रीकृष्ण कृपा से जीवित थाl लेकिन वो सर्प था दंभ ग्रस्त,अपने विष में वो बड़ा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।