खुशकिस्मत होते हैं वो पिता जिनकी बेटियां होती है। सब दुःख भूल पिता की वो प्रहरी होती है॥ बेटे भी किसी की बेटी की खातिर पराए हो जाते हैं। बेटी पराई होने पर भी अपनों के साथ रहती है॥ जब भी मुसीबत में पिता होते हैं,बेटी रह नहीं पाती है। […]

आज मंदिर गया और रब से मिला, एक दीवानगी है,मैं जब से मिला…। कुछ भिखारी थे सीढ़ी पे बैठे हुए, और कुछ थे सड़क पर भी लेटे हुए जितने भी थे भिखारी,मैं सबसे मिला, एक दीवानगी है,मैं जब से मिला….॥ भूखों को रोटियाँ बाँटकर ये लगा, सो रहा था मैं […]

तासीर हर शब्द की गहरी और अलग है, कहीं जमीं,कहीं फलक है कुछ ख्वाब हैं यहाँ, कुछ सुरखाब हैं। पेड़ भी हैं पत्ते भी, कलियाँ हैं कुछ फूलों के इंतज़ार में, मौसम-ए-बहार में क्या-क्या है यहां, कितना बताऊँ कभी घड़ी भर मिले तो बतलाऊँ। ऊपर से जो दिखे, जिंदगी वैसी […]

हकीकत है, बनावट नहीं है बिगाड़ मत l    पछताएगा, प्रकृति अनमोल  उजाड़ मत l    तू दरिंदा है, जो प्रकृति को काटा लताड़ मत l    बदला लेगी, वक्त आ रहा है सुधार मत l                              […]

हिन्दी मेरे हिन्दुस्तां,की जान दोस्तों। हिन्दी से पुरानी है,पहचान दोस्तों ll   भाषाई कई लिखे,सबने गीत गाए। हिन्दी के गीत चढ़े,परवान दोस्तों ll  हिन्दी है बड़ी मधुर,संयम भी बहुत है। हिन्दी के क्या गाऊँ,गुणगान दोस्तों ll  प्रेम डोरी बांध के,यश सबको दिलाए। हिन्दी जमीं हमारी,आसमान दोस्तों ll  ओ हिन्द के बाशिंदों,हिन्दी ज्ञान लीजिए। मातृभाषा बढ़ाओ,जगशान दोस्तों ll हिन्दी को […]

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(22 जुलाई तिरंगे के जन्म दिवस पर) बैचेन है तिरंगा,घुट-घुट के घुटन में जिए जा रहा है…, लहराया कम,ज्यादा कफ़न के रूप में उपयोग आ रहा है…l आखिर कब तक मैं जवानों को  आँचल में छुपाऊँ…, मेरे दिल के कलेजों को कैसे अपने दामन में सहलाऊँ…l मेरे लालों की कुर्बानी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।