शीत बीता बसंत लौटा बहारों का मौसम लौटा फूलों के इस मौसम में भंवरों का यौवन लौटा मस्ती में भंवरों की पुष्प पराग को ललचाती है। आम के मंजरो पर कोयल काली इठलाती गाती गीत सुनाती है। खेतों में पीली सरसों फूलाती बसंती हवा के झोकों पर लहराती नवीन फसलों […]
जगत अपने काम काज निपटा कर ट्रेन पकड़ चुका था।आज वह पिछले छः महीने बाद अपने गाँव लौट रहा था।यहाँ परदेश में कमाकर वो गाँव में खेती करता था।अभी बरसात के सीजन चल रहे थे। इसलिए वो खेतों के बारे में सोचता हुआ ट्रेन में झपकी ले रहा था।उसके साथ […]
मकर संक्रांति विशेष………. तिल गूड की मिठास चहु ओर महकने लगे पतंगे आसमान में दिखने लगे फूलो के बगीचे भी सजने लगे देखो बसंत में सभी हँसने लगे। बसंत की साख पर लोभ तृष्णा ताक पर खेतों की नवीन फसल पर नवीन पकवानों के महक पर खलिहानो की पुआल पर […]
बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल में पढ़ता था।मेरा एक दोस्त जो मेरे साथ ही पढता था। उसे साथ लेने मै अक्सर उसके घर जाया करता था। चूँकि स्कूल दूर थी,और रास्ते सूनसान होते थे तो हम दोनो एक दूसरे को साथ लेकर ही जाते थे । एक […]
नजर का बहाव कहूँ या दिल का लगाव कहूँ असर इस कदर हुआ कि अंदाज बदलने लगे। सुरत लाजवाब कहूँ या तारीफे आफताब कहूँ होठ गुलाब कहूँ या बागों की गुलिस्ता कहूँ असर इस कदर हुआ कि मदहोश होने लगे। गोरे बदन कहूँ या इठलाती चाँद कहूँ गेसूओं को खोलकर […]
पठन पाठन का नाम बडे फीस चौगूनी भरना पडे हर दिन एक नई माँग बढे पढाई को स्टैण्डर्ड कहना पडे। क कारहा वर्तनी पहाडा जो रटा जाता था अब तो टीचरो की जुवान पर भी टू वन जा टू कहना पडे। गणित हो या ज्ञान सब हो गये सामान्य हाय […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।