वेलेंटाइन डे, अर्थात निः स्वार्थ प्रेम-दिवस क्या प्रेम जिंदा है समाज में या सिर्फ आकर्षण या हवस तक सिमट कर रह गया।आज हम रोम के क्रूर शासक जो तीसरी शताब्दी में वहाँ  विवाह न करने का आदेश दिया उसके खिलाफ संत वेलेनटाईन ने आवाज उठायी बल्कि कईयो की शादी भी […]

चालीस जवानों की शहादत मांगे पुनः बदला और बगावत। बहुत हो गई कडी निंदा अब तो फैसले बारी है कायरता जघन्यता की पराकाष्ठा दहशतगर्दो ने दिखायी है खौल रहा है लहू अब उनकी शामत कब ? लहू पुकारे रक्षक की दहशत न बर्दाश्त करो एक एक पल कर्ज है जब […]

हिमालय सा हौसला गंगा सी पवित्रता है भारत के बच्चे-बच्चे के जहन में भारत माता है। ये दर्द नहीं चिंगारी है गुजर रहा एक-एक पल हर हिन्दुस्तानी पर भारी है नम आंखे को यकी है आने वाला तूफान अभी बाकी है। नजर टिकती नही हर जुबा खामोश है दिल को […]

साई नाम साई नाम साई से बडा न नाम जो साई का भजन करे दुख का रहे न नामो निशाँ साईं। जो घर जाये साई नाम वो घर दूजा न काम विश्वास बनाके राखियो साई को करके प्रणाम साईं। साई चर्चा जब करे दुख न आवे पास साई नाम सुन […]

बजट लेकर आएगी जन जन में शक्ति सभी क्षेत्रों में होगी वृद्धि राष्ट्र की बढेगी समृद्धि । हाय हाय का सौभाग्य भाय भाय को देने आ गया ले के उपहार टेक्स फ्री,पांच लाख पार। अन्नदाता का खास महिलाओ की पूरी आस आयुष्मान उज्जवला मातृत्व का बढा विश्वास । सभी वर्गो […]

आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी के बीच गंगा किनारे जाना और घंटो बैठकर लहरों को निहारना उसके सुन्दर दृश्यों को अनुभव करना अपने आप में एक अलग ताजगी का एहसास कराता है मैं लगभग रोज ही गंगा तट पर जाया करता था लेकिन अब रूटीन बिगड गया है। प्रायः […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।