देशवासियों जागो जागो, सबको अब जग जाना है। मायूसी और अंधकार को, मिलकर दूर भगाना है॥ ढोंगी बाबाओं से दूर रहो, चक्कर में फिर न,आना न। मृत्यु भय से डर जाना न, मकड़जाल में फंस जाना न॥ ये भक्तों ,श्रद्धालु को लूट, विश्वासघात कर जाते हैं। योगी से बन कर […]

तुम एक प्यार हो, जिसमें भाव है भंगिमा है, राग है,द्वेष है और एक अनजानी-सी पीड़ा भी, पर मेरा दिल स्थिर है क्योंकि मैं अकेला हूँ, तुम जिस पथ पर खड़ी हो आज बचपन में बहुत घूमा हूँ मैं, बहुत खेला हूँ जीवन को बनाओ तो ऐसा कि जीवन बहती […]

बरसात हुई, हरियाली हरी हो गई पेड़ों पर जमी धूल धुल गई l अब पेड़ बिल्कुल, हरे ताजे हुए, नरम घास नमी से और भी आनंददाई हुई, पहाड़ हरे रंग के ढेर बने आसमान सफेद,नीला हो गया l नदियां लाल मिट्टी का लाल रंग ले, रौद्र रूप धारण कर बहने […]

मानव क्‍यों इतना अन्‍धा है, सब धर्मों के आसन पर ढोंगी पाखण्‍डी रख डाले, देवों के सिंहासन पर l चोर,उचक्‍के,गुण्‍डे सब, धर्मों के ठेकेदार बने जैसे भूखे भेड़िए, बकरी के पहरेदार बने l जैसे कोई डाकू, सत्‍ता को हथियाता है जैसे जिलाधीश को सिपाही आंख दिखाता है l जैसे श्रीराम […]

ज़ख़्मों के उठे दर्द छुपाने नहीं आते। बिन बात यूँ हँसने के बहाने नहीं आते॥ हम जो भी हैं, जैसे भी हैं, है सामने तेरे। चेहरे पे नए चेहरे लगाने नहीं आते॥ हर शाम बिताता हूँ मैं तन्हाइयों के संग। बैठक में मेरे यार पुराने नहीं आते॥ इक बार ले […]

अब फोड़ो मटकी बिहारी तुम बहुतों की देखो छलक रही, अब दहिरा ढूंढो न इसमें तुम छल कपट से देखो उबल रही, अब मटकी फोड़ो बिहारी तुम। कहीं भ्रष्टाचार से भरी हुई, कही नफरत-द्वेष से भरी हुई कहीं जाति-पाती की बातों से, कहीं राग-विराग की घातों से अब मटकी देखो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।