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हालातों की बेड़ियों से बंधा, ‘बंदा ‘वो बड़ा मजबूर  है। बहना के ब्याह की चिंता से, वो आज घर से बहुत दूर है। ज़ख्म पर नमक डालकर, उसके घाव को हम करते नासूर हैं। बाल बिखरे,कपड़े व्यवस्थित नहीं, तो समझते उसको हम धूर्त हैं। रहन-सहन में परिवर्तन करे तो कहते […]

 ‘नजर’ तुम कृपा की हमसे ना फेरो, हे कृष्ण माधव  माेहन  मुरारी। हे दीन बंधु अमित करूणा सिन्धु, गूंजे मन में हरदम बंशी तुम्हारी॥ चाहत से राहत दो मन को हे माधव, मिटे मलिन  विषयों की खुमारी। चंचल चपल मन को तुम ही भाओ, कर सकूं अनन्य भक्ति गिरधारी॥ मुख […]

दिल से दिल की बात करेंगे। बातें   सारी  रात  करेंगे॥ शतरंजी ये  चाल  तुम्हारी, चुटकी भर औकात करेंगे। बतलाओ मत जात तुम्हारी, सुन लो फिर आघात करेंगे। नज़रों में तुम खटक गए तो, समझो तुम वो घात करेंगे। आँसू  छलके  राज  खुलेंगे, सावन-सी  बरसात   करेंगे। नेता  उनको  चुनवा  दें  तो, […]

भुखमरी के मेले में एक बार, श्रीमती गरीबी से हुआ साक्षात्कार। मंहगाई के बोझ से झुकी कमर, आँसूओं के पैबंद साड़ी पर। कानों में मजबूरी की बाली, गालों पर विडंबनाओं की लाली। माँथे पर भूख की बिन्दी, लग रही थी जैसे हिन्दी। पीठ से पेट मिला हुआ, दहशत का कँवल […]

आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं, चकमक-जगमग करके दशों दिशाएंl नाच-नाच गा-गाकर खुशी मनाएं, आओ हमसब मिलकर दीप जलाएंl घर-घर,गली-गली में हर्षोल्लास है भाई, सज रही दुकानों में रंग-बिरंगी मिठाईl हो रही  है अतिशबाजी ऐसे, जैसे बजती हैं ब्याह में शहनाईl आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं, वर्षभर बाद है […]

देवघर। राष्ट्रीय कवि संगम का वार्षिक अधिवेशन ८ अक्टूबर को देवघर (झारखंड) में हुआ हुआ। इसमें धनबाद के कवियों ने अपनी रचनाओं से धूम मचा दी। खास तौर पर सांसद निशिकांत दुबे की बतौर अतिथि उपस्थिति रही। इस सम्मेलन में श्री दुबे के संबोधन से कवियों में उत्साह का शानदार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।