अब तो मुझे जीने दो चैनो-अमन से, बहुत सताया मुझे तुमने नैनों दमन सेl जिंदगी बेज़ार न करो मेरी तड़पन से, आओ मिलो मेरी दिली उलझन सेl शातिर जमाना है खेलता धड़कन से, उसको मतलब पूर्ति उसके सपन सेl बस यूं ही खेलते हैं वो सब दिलन से, उसे परहेज […]

आजकल मनःस्थिति कुछ ऐसी बन गई है कि,यदि किसी को मुंह लटकाए चिंता में डूबा देखता हूं तो लगता है जरूर इसे अपने किसी खाते या दूसरी सुविधाओं को `आधार` कार्ड से लिंक कराने का फरमान मिला होगा। बेचारा इसी तनाव में परेशान है। यह सच्चाई है कि,देश में नागरिकों […]

(बाल दिवस विशेष)  भारत में हम प्रत्येक वर्ष १४ नवम्बर को पं.जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं,लेकिन आज भी देश के करोड़ों बच्चे दो जून की रोटी को मोहताज है। जिस उम्र में इन बच्चों के हाथों में स्कूल जाने के लिए किताबों से […]

दुनिया में भौतिक उन्नति के नित नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैंl व्यक्ति जहां चन्द्रमा से बहुत ऊपर तक पहुँच गया है,वहीं समुद्र तल की गहराइयों की सीमाओं को भी लांघ चुका हैl तकनीक के माध्यम से घर बैठे सफलतापूर्वक ड्रोन हमले संभव हुए हैं,तो व्यक्ति विकास के नित-नए साधनों […]

(बाल दिवस विशेष) याद आ गया मेरा प्यारा-सा बचपन, जिस गांव घर-गली ने सवांरा था बचपन। चार पहिए की गाड़ी अब मेरे पास है पर, एक पहिए की गाड़ी ने निखारा था बचपन। वो खुशी मुम्बई शहर में न हमको मिली, जिन खुशियों से मैंने गुजारा था बचपन। कंचे,गुल्ली-डंडा,एक पहिए […]

  खामोश समंदर की लहरें,         खामोशी से उठती हैं।     अंधियारे में कोई शमा,           जलती और बुझती है॥      तूफानी रफ्तार से भी,           जब लहरें उठती हैं।        हिला देती जहाज़ को, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।